काफी समय से भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद के बाद भारत सरकार चीन को मुंह की देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। न सिर्फ भारतीय सेना ने सीमा पर बल्कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी भारत अब चीन को पछाड़ने में पूरी शिद्दत से जुट गया है। हमेशा से ही मेड इन इंडिया का नारा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ समय पहले ही चीन की 59 ऐप्स को देश में बैन कर दिया है।
यूजर्स की सेफ्टी के लिए उठाया ये कदम
काफी सालों से चाइनीज़ चीज़ें और ऐप्स यूज़ करने वाले सभी भारतीयों को ये खबर सुनकर झटका तो जरूर लगा था। हालांकि चीन से मिले धोखे के बाद लोगों ने इस फैसले को खुशी-खुशी स्वीकार किया। रातों-रात चाइनीज़ ऐप्स के भारतीय वर्जन भी तैयार किए गए। भारतीय सरकार ने इन ऐप्स को बैन करने का ये फैसला इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत लिया है। इसके तहत कहा गया है कि चीन के ये 59 ऐप्स भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को लेकर पूर्वाग्रह रखते थे।
एंड्रॉयड और आईओएस पर ये ऐप्स लोगों के निजी डेटा में भी सेंध लगा रहे थे। इन ऐप्स पर पाबंदी से भारत के मोबाइल और इंटरनेट उपभोक्ता सुरक्षित होंगे। ये फैसला सभी यूजर्स की डाटा प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए लिया है। सरकार ने अपने बयान में चीन या किसी भी चीनी कंपनी का नाम नहीं लिया था।
सभी ऐप्स के अल्टरनेटिव होंगे देश में लॉन्च
बैन हुई 59 ऐप्स में से कुछ ऐसी भी ऐप्स भी थी जो काफी फेमस और डेली बेसिस पर इस्तेमाल की जाती थी। तुरंत ये सभी ऐप्स बैन होने के बाद ये तो लाज़मी है कि यूजर्स को असर पड़ा होगा। जैसे ही सभी को पता चला कि उनकी पसंदीदा ऐप्स को देश में बैन कर दिया गया है। तुरंत वो उसका विकल्प तलाशने प्ले स्टोर की ओर पहुंचे। कुछ ऐप्स के विकल्प पहले से ही प्ले स्टोर पर मौजूद थे। कुछ को भारत में ही बनाया गया था तो कुछ दूसरे देशों के भी ऐप्स उपलब्ध हैं। हालांकि अभी भी कुछ ऐप्स ऐसे हैं जिनका विकल्प अभी भारत में मौजूद नहीं है। लेकिन सभी पर जोरों-शोरों से भारतीय इंजीनियर्स काम कर रहे हैं और उन्हें जल्द ही बाज़ार में लांच किया जाएगा।
चीन को कितना हुआ नुकसान?
हाल ही में ऐप्स को बैन किए जाने के बाद हुए रिसर्च के मुताबिक भारत में, इन ऐप्स को कुल मिलाकर अप्रैल-जून तिमाही में एप्पल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से 330 मिलियन नए इंस्टॉल मिले हैं जो कि कुल इंस्टॉल का 5% है। भारत में अलीबाबा के स्वामित्व वाले यूसी ब्राउज़र के वैश्विक स्तर पर 430 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स थे और उनमें से 130 मिलियन अकेले भारत में थे। जो अब या तो भारतीय ब्राउज़र जैसे जियो ब्राउज़र यूज़ कर रहे हैं या फिर गूगल क्रोम ओर फायर फोक्स पर स्विच हो गए हैं।
देश में रातों-रात बनी एप्प्स
वहीं चीन की 59 ऐप्स में बैन हुए लोकप्रिय कैम स्कैनर का भी हमारे देश में रातों रात अल्टरनेटिव तैयार किया गया है। जिस दिन इस सभी एप्प्स को बैन किया गया था। उसी दिन रात को देश के आईआईटी क्षेत्र के बच्चों ने कागज़ स्कैन के नाम से एप्प को लॉन्च किया था। आपको बता दें कि कैम स्कैनर के भारत में काफी यूजर्स थे। जिन्होंने इसके बैन होने के बाद भारतीय एप्प को डाउनलोड किया है। रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक जून 2020 तक भारत में इस एप्प के एक्टिव यूजर्स की संख्या कुल 100 मिलियन थी, जो अब मेड इन इंडिया ऐप्स पर स्विच हुए हैं।
टैलेंट पर नहीं लगी रोक
रिसर्च में निकले नतीजों के मुताबिक चाइनीज़ ऐप्स पर एक्टिव यूजर्स की संख्या जानने के बाद कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि ये भारत में कितने लोकप्रिय थे और इनका इस्तेमाल घर और ऑफिस, स्कूल हो या पार्क हर जगर किया जा रहा था। जो अब सभी मेड इन इंडिया पर स्विच हो रहे हैं। इन्हीं में से थी सबसे लोकप्रिय एप्प टिकटॉक जिसे स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर हाउस वाइफ तक यूज़ करती थी। अब वो सभी भारत में बने रोपोसो, चिंगारी और अन्य ऐप्स पर नज़र आते हैं। सभी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय ऐप्स को तैयार किया जा रहा है।
सरकार के फैसले से खुश हैं यूजर्स
भारत में ऐप्स को बैन किए जाने के बाद लोगों का कहना है कि सरकार के इस कदम की वो सराहना करते हैं। वो इस बात से काफी खुश हैं कि सरकार ने यूजर्स की डाटा प्राइवेसी को ध्यान में रखा। शुरू में सभी को लगा था कि इनके बैन होने से थोड़ी तकलीफ हो सकती है। हालांकि खुशी इस बात की है कि सरकार ने लगभग सभी ऐप्स के अल्टरनेटिव पहले ही तैयार कर लिए थे।
युवाओं को मिलेगा रोज़गार
इससे ना सिर्फ काम आसान हुआ है बल्कि आने वाले समय में मेड इन इंडिया के तहत देश के युवा लोगों के लिए रोज़गार भी लेकर आएगा। सरकार ने भविष्य को देखकर ये फैसला लिया है। सभी तरह की ऐप्स के साथ ही बाकी चीज़ों को भी मेड इन इंडिया किया जाएगा जिससे ना सिर्फ इकॉनमी स्ट्रॉंग होगी बल्कि सभी को रोजगार मिलने में काफी मदद मिलेगी। भारत में बैन किए गए ये चाइनीज ऐप्स चीन की इकॉनमी को एक बड़ा झटका देने वाले हैं। भारतीय यूजर्स के जरिए पैसा कमाने वाले चीन को अब जल्द ही एक बड़े नुकसान का खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा। ऐसे में भारतीय सरकार का अपने ही देश में निर्मित ऐप्स को लॉन्च करना एक बहुत बड़ा और सराहनीय कदम है।