भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के रीवा में एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट (solar plant) का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया। यह प्रोजेक्ट 750 मेगावाट की सौर परियोजना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना का उद्घाटन करते समय कहा कि बिजली की जरूरत बढ़ती जा रही है। ऐसे में बिजली की आत्मनिर्भरता भी बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यदि भारत बिजली के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन गया तो वास्तव में भारत आत्मनिर्भर बन जाएगा। उन्होंने कहा भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सौर ऊर्जा की बहुत बड़ी भूमिका है। आत्मनिर्भरता और प्रगति की बात करते हैं तो अर्थव्यवस्था की बात जरूर आती है। बिजली आधारित परिवहन के लिए नए-नए सर्च भी होने वाले हैं। जिसमें आम आदमी का जीवन और पर्यावरण की रक्षा होगी।
इस परियोजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- रीवा में लगने वाला यह सौर ऊर्जा प्लांट एशिया का सबसे बड़ा सौर पावर प्लांट है।
- इस सौर पावर प्लांट से प्रतिदिन 37 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
- यह परियोजना 750 मेगावाट की है।
- इस परियोजना का 24% भाग दिल्ली मेट्रो को दिया जाएगा, जबकि क्षेत्र प्रतिशत भाग मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों को मिलेगा।
- यह पूरी परियोजना रीवा के 15 से 90 एकड़ जमीन पर स्थापित हुई है।
- यह परियोजना 1 साल में 1500000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी।
विद्युत के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना आत्मनिर्भर बनने के क्षेत्र में पहला कदम है: प्रधानमंत्री मोदी
मोदी ने कहा, “पर्यावरण की सुरक्षा को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है और वास्तव में अब यह जीवन जीने का तरीका बन चुका है। रिन्यूएबल एनर्जी के बड़े प्रोजेक्ट लॉन्च करने के दौरान यह सुनिश्चित किया गया है कि पर्यावरण सुरक्षित रहे और इसका लाभ भारत के प्रत्येक नागरिक तक पहुंच सके।” प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर अपने पिछले 6 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने कहा कि पिछले 6 साल में करीब 36 करोड एलईडी बल्ब पूरे देश में बांटे जा चुके हैं।
एक करोड़ से अधिक बल्ब देश में स्पीड लाइट में लगाए जा चुके हैं। यह सुनने में सामान्य है लेकिन यह बड़ी बात है। जब एलईडी बल्ब नहीं था तो इसकी जरूरत का अनुभव होता था लेकिन तब कीमत बहुत अधिक थी। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली सरकारों से अपनी सरकार की तुलना करते हुए बताया कि आज एलईडी बल्ब की कीमत पहले से 10 गुना कम हो चुकी हैं। पहले 100-200 वाट के बल्ब से जो काम होता था, अब 9 वाट का एलइडी बल्ब कर देता है। इस प्रकार हम पूरे साल भर में मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग की मदद से 24000 करोड रुपए की बचत कर रहे हैं।
इस परियोजना से देश को क्या लाभ होगा?
इस परियोजना के प्रारंभ होने के बाद प्रत्येक देशवासी के मन में प्रश्न उठ रहा है कि इस परियोजना से देश को और देश की राजनीति को क्या लाभ होगा? तो हम आपको बता दें प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश के रीवा में जिस सोलर प्लांट (solar plant) का उद्घाटन किया है। यह 750 मेगावाट की एक परियोजना है, जो मध्य प्रदेश के रीवा में प्रारंभ की गई है लेकिन इसका एक बड़ा ग्राहक दिल्ली मेट्रो है।
यह परियोजना दिल्ली मेट्रो को 24% बिजली देगी जबकि शेष 70% बिजली मध्यप्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों को दी जाएगी। इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर भूमि पर 100 मेगावाट की तीन सोलर एनर्जी यूनिट शामिल हैं। इस परियोजना (solar plant) का एक सबसे बड़ा लाभ यह भी है कि यह साल में लगभग 15 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने इस उद्घाटन में कई बड़ी बातों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज जब आप मध्य प्रदेश और पूरे देश को आगे बढ़ाने के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं तो आप अपनी जिम्मेदारी भी हमेशा याद रखिए। 2 गज की दूरी, चेहरे पर मास्क और हाथ को 20 सेकंड तक साबुन से धोना। इन नियमों का पालन करेंगे तो देश वास्तव में इस समस्या से जल्दी बाहर आ सकेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना का जिक्र करते हुए आगे कहा, “सोलर पावर की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर सकेंगे जब तक हमारे पास देश में बेहतर सोनल पैनल और बेहतर बैटरी और उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण नही होगा। क्षेत्र में भारत और तेजी से काम कर रहा है। हमारी इस योजना (solar plant) का उद्देश्य है बिजली हर जगह पहुंचे और पर्याप्त पहुंचे। हमारा वातावरण, हमारी हवा शुद्ध बनी रहे। इसी सोच के साथ हम निरंतर इस परियोजना पर कार्य कर रहे हैं।”
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