15 जून को गलवान घाटी में हुई घटना से पहले ही चीन ने मार्शल आर्ट में माहिर सैनिकों को सीमा पर किया था तैनात

सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चीन ने गलवान घाटी इलाके में मोर्चा शुरू करने से पहले मार्शल आर्ट फाइटर्स की चार टुकड़ीयों को तैनात किया था।

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गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15-16 जून की रात हिंसक झड़प हुई थी। जिसके बाद से तनाव चरम पर है। इस बीच हाल ही में खुलासा हुआ है कि इस झड़प से कुछ दिन पहले ही चीन ने अपनी माउंटेन डिविजन और मार्शल आर्ट में माहिर लड़ाकों को सीमा के नजदीक तैनात किया था। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, पीएलए के इस डिवीजन में तिब्बत के स्थानीय मार्शल आर्ट क्लब से भर्ती किए गए लड़ाकों के अलावा चीनी सेना के नियमित सैनिक भी शामिल थे। समाचार एजेंसी एएफपी ने चीनी मीडिया के हवाले से बताया है कि चीन ने गलवान घाटी इलाके में मोर्चा शुरू करने से पहले मार्शल आर्ट फाइटर्स की चार टुकड़ी को तैनात किया था। ये सभी वहां के सैनिकों के साथ चीनी सीमा पर तैनात किए गए थे। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि 15-16 जून के दरम्यानी रात कितने फाइटर्स तैनात किए गये थे।

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गौरतलब है कि माउंट एवरेस्ट ओलंपिक टॉर्च रिले टीम के सदस्यों को पहाड़ों पर चढ़ाई करने की जानकारी होती है। इस टीम के सदस्य पहाड़ों पर आसानी से और तेजी से चढ़ाई कर सकते हैं। इसके अलावा मार्शल आर्ट फाइटर्स बिना हथियारों के लड़ाई करने में माहिर होते हैं। चीनी सैनिकों से झड़प में भारतीय जवानों ने 18 सैनिकों के गर्दन तोड़ दिए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपने सीओ की शहादत से गुस्साये भारतीय सैनिकों ने एक-एक कर 18 चीनी सैनिकों की गर्दनें तोड़ दीं थी। चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। हिंसक टकराव के दौरान एक अधिकारी व दो जवान शहीद हुए, जबकि 6 चीनी सैनिक भी ढेर हुए थे।

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