भारत ने गलवान घाटी पर दुनिया को तबाह करने की क्षमता रखने वाले क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम को तैनात कर दिया है। इसे बहुत कम समय में ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है। लद्दाख में भारतीय थल सेना और वायु सेना दोनों ही ऑरेंज अलर्ट पर है। इसके तहत भारतीय वायु सेना को उसी तरह से तैयार रहना होगा जैसा कि पहले पाकिस्तान के F-16 विमान को भारत ने तुरंत जवाबी कार्रवाई में ध्वस्त कर दिया था। भारतीय वायु सेना इस समय अपने रडारों से दुश्मन की कार्रवाई पर नजर रख रही है। लद्दाख में इस समय दोनों सेनाओं के खाने-पीने के व्यवस्था भी कर दिया गया है ताकि भविष्य में युद्ध की परिस्थिति में राशन की सप्लाई बंद न हो।
भारतीय वायु सेना और भारतीय थल सेना दोनों ही लगातार नए-नए उपकरणों को भी तैयार कर रही है।सीमा विवाद में अपने 20 जवानों को खोने के बाद भारत नहीं चाहता कि उसके एक भी जवान का खून व्यर्थ में बहे। इसीलिए भारत के नागरिक और भारत की सेना बार-बार चीन को यह समझा रही है कि यह 1962 वाला देश नहीं है यह 2020 का भारत है जो घर में घुसता भी है और घुसकर मारता भी है। कल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “हम वैसे सभी के दोस्त हैं लेकिन हम आँख दिखाने वाले को उसी की भाषा में जवाब देने जानते हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कल मन की बात को संबोधित करते हुए उन शहीदों के परिवार का भी जिक्र किया। जिन्होंने अपने एकमात्र बेटों को खो दिया। लेकिन उसके बाद भी अपने आने वाली पीढ़ी को भी भारतीय सेना में भेजने का साहस करना चाहते हैं।” 1962 से लेकर 2020 तक अगर भारतीय सेना के अस्त्र और शस्त्रों की गिनती की जाए तो भारत के पास हथियारों का जखीरा है। भारत के पास 150 परमाणु हथियार हैं। भारत के पास ऐसी मिसाइलें हैं जो 9000 किलोमीटर तक अंदर घुस कर किसी भी शहर को किसी भी देश को तबाह कर सकती हैं।
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