देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के संक्रमण ने अचानक से ही रफ़्तार पकड़ ली थी। बेकाबू होती स्थिति के बीच दिल्ली सरकार की मदद करने के लिए खुद गृहमंत्री अमित शाह को मैदान में उतरना पड़ा और दिल्ली की कमान अपने हाथों में लेनी पड़ी। अब अमित शाह ने हाल ही में न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है कि आखिर उन्हें क्यों अचानक दिल्ली में इस तरह से एक्टिव होना पड़ा।
ANI से बात करते हुए अमित शाह ने बताया कि उन्हें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बयान के बाद ये फैसला लेना पड़ा। अमित शाह ने कहा, ‘डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बयान दिया था कि 31 जुलाई तक दिल्ली में कोरोना के 5.50 लाख मरीज हो सकते हैं। इससे चिंता हुई। इसके बाद तुरंत राजधानी में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। अगले ही दिन ऑल पार्टी लीडर्स और MCD के साथ भी मीटिंग हुई। सभी ने अपना सुझाव दिया। बैठक में फैसला लिया गया कि 30 जून तक कंटेन्मेंट जोन के हर घर का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा।’
अमित शाह ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदेश दिया कि दिल्ली सरकार की तुरंत हर संभव मदद की जाए। बैठक में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कई अहम फैसले भी लिए गए’। वहीं दिल्ली में बेकाबू होती स्थिति पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अभी तक बेहतर उपाय किए जा चुके हैं। मुझे यकीन है कि अब हम उस अवस्था में नहीं पहुंचेंगे और काफी बेहतर स्थिति में होंगे।
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