लंबे इंतजार के बाद अब भारत में गगन को छूता हुआ भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। भगवान श्री राम के इस भव्य मंदिर की विशेषता यह भी है कि लंबे समय के इंतजार के बाद बहुसंख्यकओं को उनकी भावना के आधार पर इस मंदिर निर्माण की इजाजत दी गई है। भगवान श्री राम की भव्य मंदिर निर्माण के लिए 28 सालों से पत्थरों को तलाशा जा रहा था। इन्ही पत्थरों को जोड़-जोड़ कर भगवान श्री राम के इस भव्य मंदिर का निर्माण होना है। अभी कुछ दिनों पहले उन सभी पत्थरों को निकालकर उनकी सफाई का कार्य किया गया और अब 28 तरह के विशेष केमिकल्स से उसे सजाया जा रहा है।
राम मंदिर फैसले का लंबे समय तक लम्बित रहने के कारण पत्थरों पर धूल जम जाने से गंदे हो चुके थे इसलिये इन्हें साफ करने में समय लग रहा है। इन पत्थरों को सजाने और संवारने का काम दिल्ली की एक कंपनी को दिया गया है। पहले दिल्ली की इस कंपनी ने 5 लोगों को लगाया था लेकिन अब इनकी संख्या को 15 कर दिया गया है। कुछ सूत्रों की मानें तो इस काम में 3 महीने का समय लग सकता है। विश्व हिंदू परिषद की मानें तो पिछले 28 सालों में 1 लाख घनफुट पत्थरों को भगवान राम के मंदिर के लिए तराशा जा चुका है।
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कुछ सूत्रों के अनुसार यह एक लाख घनफुट पत्थर भगवान श्री राम के मंदिर के भूतल में ही लग जाएगा। इन पत्थरों से सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप और छत का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद प्रथम तल के निर्माण के लिए पत्थरों को तराशा जाएगा। कुछ दिनों पहले अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन को समतल करते वक्त जमीन के भीतर से सनातन धर्म की कुछ प्रतिष्ठित मूर्तियां और कुछ खम्बे भी मिले थे। जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस जगह पर कोई भी इस्लामिक इमारत नहीं हो सकती।
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