भारत ने बनाया ड्रैगन पर दबाव, चीन को पीछे हटाने होंगे कदम

भारत-चीन विवाद के बाद दुनिया भर के देशों ने भारत के पक्ष में खड़े होने का निर्णय लिया। भारत के उन शहीदों के प्रति कुछ देशों ने संवेदनाएं भी व्यक्त की, जिन्होंने भारत की सीमा सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इसके विपरीत कुछ देशों ने चीन के कार्यों का विरोध किया।

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भारत-चीन सीमा विवाद के बाद विश्व भर के सभी शक्तिशाली और संपन्न देश भारत के समर्थन करते नजर आए और इसके विपरीत भारतीय सैनिकों के साथ किए गए छल और कोरोनावायरस के कारण कई देशों ने चीन की इस चाल को भी समझ लिया है। 22 जून को भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की एक बातचीत हुई। जिसमें भारत के तमाम दबावों के बाद चीन ने भरोसा दिलाया कि वे अपने सैनिकों को और उनकी गाड़ियों को पीछे हटाएगा। जिसके तहत कुछ गाड़ियों और अपने जवानों को चीन ने पीछे भी हटाया है। यह खबर न्यूज़ एजेंसी ANI के सूत्रों से मिली है।

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भारत और चीन के बीच विवाद जारी

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए मंगलवार को सैन्य स्तरीय वार्ता  हुई। जिसमें भारत ने चीन से दो टूक कहा कि भारत और चीन के बीच शांति व्यवस्था को सुचारू रूप से स्थापित करने के लिए चीन को अपनी सेना को पीछे हटाना पड़ेगा। इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सूत्रों के अनुसार भारत में इस मीटिंग में कहा था, “दोनों देशों को LAC पर बने हुए सभी नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ समय बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व में बात हो चुकी है। शांति बहाली के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, वह दोनों देश उठाएंगे।” लेकिन इस मुद्दे पर चीन ने कहा, “सीमा विवाद के लिए भारत जिम्मेदार है। भारत को ही तनाव दूर करने की जिम्मेदारी निभानी होगी। भारत सीमा पर तनाव पैदा करके बहुत ज्यादा जोखिम मोल ले रहा है, जिसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।”

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