बाबा रामदेव ने कुछ दिनों पहले ही पतंजलि योगपीठ द्वारा निर्मित कोरोना वायरस से बचाने के लिए कोरोनिल दवा लॉन्च की थी। जिसको पहले राजस्थान सरकार ने बैन कर दिया। उसके बाद केंद्र सरकार ने उसके प्रचार पर रोक लगा दी। अब महाराष्ट्र सरकार ने भी कोरोनावायरस ने प्रदेश में बेचने पर रोक लगा दी। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस मामले में बाबा रामदेव को चेतावनी दी है कि किसी पुख्ता क्लीनिकल ट्रायल के उनकी कंपनी को कोरोना की दवा बेचने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अब राजस्थान में भी बाबा रामदेव की इस दवाई को बेचने पर पाबंदी लगाई गई है।
राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया, “बाबा रामदेव इस वक्त में इस दवाई को बेचने का प्रयोग कर रहे हैं जो कि अच्छी बात नहीं है। हमारे एक डॉक्टर ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई है जिसके तहत हम भी कार्रवाई करेंगे। अगर इस दवा को खाकर कोई मर गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?”
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा, “कोरोना महामारी से दुनिया भर में लोग प्रभावित हैं। डब्ल्यूएचओ भी उसकी वैक्सीन नहीं खोज पाया है! आईसीएमआर के पास भी इसकी कोई दवाई नहीं है। ऐसे में बिना सरकार के प्रोटोकॉल के तुम दवा लांच कर रहे हो। यह अपराध की श्रेणी में आता है।अगर इस दवा को खाकर कोई मर गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?”।
शर्मा ने बताया कि राज्य में कोविड-19 के उपचार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्रीय आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर की गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। आयुर्वेदिक औषधियां इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन दवा के रूप में यह दावा बिना आयुष मंत्रालय की अनुमति के स्वीकार नहीं किया जा सकता।
Today's Media Coverage : बाबा रामदेव की कोरोना दवा बिकती दिखी तो होगी कार्यवाही। pic.twitter.com/LNxctBfSNG
— Dr. Raghu Sharma (@RaghusharmaINC) June 25, 2020
पतंजलि आयुर्वेद ने दावा किया था कि उनके द्वारा तैयार की गई कोरोना किट से 100 फीसदी नतीजे मिले हैं। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण कोरोनावायरस की दवाई की किट को लॉन्च करते वक्त ये बात कही थी। गौरतलब है कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही हैं। अभी तक कोरोनावायरस को रोकने और उसके प्रभाव को खत्म करने की कोई भी दवा पूरे विश्व में नहीं आ पाई है।