कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस के लिए मंगलवार को दवाई बनाई। जिसे उन्होंने लॉन्च किया था। इसके बाद कुछ घंटो में पूरे सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव के कोरोनिल का प्रचार हो गया। आज केंद्र सरकार ने कोरोनिल के प्रचार पर रोक लगा दी। अब सरकार इससे सम्बन्धित दांवो की जाँच करेगी। आयुष मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार देश में कई और आयुर्वेदिक जांच चल रही हैं परन्तु उसमे पतंजलि का नाम नहीं है।
पतंजलि कोई खोज कर रहा है इसकी सूचना भी मंत्रालय को नहीं थी। अधिकारी ने कहा कि जब सारा विश्व कोरोनावायरस से जूझ रहा है तब ऐसे में बिना किसी वैज्ञानिक की सलाह से कोई भी दवाई लेना संकट को निमंत्रण देने जैसा है। अब पतंजलि को यह बताना होगा किस दवा का ट्रायल पतंजलि ने किन अस्पतालों के किन किन मरीजों पर किया है? आयुष मंत्रालय ने कहा है इन सब बातों के बावजूद भी पतंजलि का प्रचार प्रसार जारी रहा तो पतंजलि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि पूरी जानकारी मिलने के बाद ही इस दवा को अनुमति दी जाएगी।
आचार्य बालकृष्ण ने दिया जबाब
यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है जो communication gap था वह दूर हो गया है व Randomised Placebo Controlled Clinical Trials के जितने भी Standard Parameters हैं उन सबको 100% fullfill किया है इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है @moayush @yogrishiramdev pic.twitter.com/0CAMPZ3xvR
— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) June 23, 2020
पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोनिल दवा पर जब आयुष मंत्रालय ने रोक लगाई उसके तुरंत बाद पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने ट्विटर पर अपनी बात कही। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है। पतंजलि की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय को जो गलतफहमी थी उसको दूर कर दिया गया है। पतंजलि ने आयुर्वेदिक दवाओं की जांच (रेंडमाइज्ड प्लेसबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल) के सभी आधिकारिक मानकों को सौ प्रतिशत पूरा किया है। इसकी सभी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है, अब कहीं कोई संशय नहीं रह गया है।’