20 फरवरी को असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में सी.ए.ए. और एन.आर.सी. कानून के विरोध में एक जनसभा हुई थी। जिसमें 19 वर्षीय अमूल्या लियोन ने भी शिरकत की थी। अमूल्या लियोन ने इस जनसभा में असदुद्दीन ओवैसी के सामने देशद्रोही नारा लगाया था। जब अमूल्या ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में लगाया तो असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस नारे का विरोध किया था।
गुरुवार को लियोन की याचिका को सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया था। जिसके पश्चात मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने लियोन को डिफ़ॉल्ट जमानत दे दी है। बेंगलुरु पुलिस को 90 दिनों के भीतर अमूल्या की गिरफ्तारी की चार्जशीट को पेश करना था लेकिन वह ऐसा न कर सकी इसलिए कोर्ट ने अमूल्या को जमानत दे दी।
सीआरपीसी की धारा 167 ‘2’ के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के 90 या 60 दिनों के भीतर चार्जशीट को दाखिल नहीं किया जाता है तो वह जमानत पाने का अधिकारी होता है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में बेंगलुरु में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। नारेबाजी के तुरंत बाद अमूल्या को रोका गया था और मंच से नीचे उतार दिया गया था।