उल्का पिंड के जमीन पर गिरने से बना था झील, अब इसका पानी अचानक से हुआ लाल

लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित एक खारे पानी की झील है। इसका निर्माण एक उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण हुआ था। स्मिथसोनियन संस्था, संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण, सागर विश्वविद्यालय और भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला ने इस स्थल का अध्ययन भी किया है।

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प्रतीकात्मक चित्र

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में लोनार गड्ढा झील का पानी अचानक ही रहस्यमयी तरीक़े से लाल हो गया है। यहाँ रहने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि बीते दो से तीन दिनों में हमने देखा है कि झील के पानी का रंग बदल गया है। वन विभाग को सैंपल इकट्ठा करने के लिए कहा गया है, ताकि कारणों का पता चल सके। वन विभाग ने सैम्पल ले कर पानी का रंग बदलने का कारण पता लगाने का काम शुरू कर दिया है।

अचानक ही रहस्यमयी तरीक़े से झील के पानी का रंग बदलने की चर्चा पूरे इलाके में है। काफी दूर दूर से लोग इसके बदले हुए पानी के रंग को देखने के लिए आ रहे हैं। इसके कारणों का पता नहीं चलने तक यह कौतूहल का विषय बना रहेगा। गौरतलब है कि लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित एक खारे पानी की झील है। इसका निर्माण एक उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण हुआ था।

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स्मिथसोनियन संस्था, संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण, सागर विश्वविद्यालय और भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला ने इस स्थल का अध्ययन भी किया है। इस झील में 2007 में जैविक नाइट्रोजन यौगिकीकरण खोजा गया था। ऐसा माना जाता है कि उल्का पिंड का वजन दस लाख टन था। ऐसे में अब अचानक से इसके पानी का रंग बदलने से लोगों में इसके पीछे का कारण जानने की काफ़ी उत्सुकता है।

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