मुंबई धारावी में कोरोना की रफ्तार पर लगा ब्रेक 30 मई के बाद कोरोना से नहीं हुई किसी की मौत

मुंबई शहर के सबसे बड़े कोरोना हॉटस्पॉट धारावी में पहले हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा था वहीं अब पिछले कुछ दिनों से लगातार मामले कम होते नजर आ रहे हैं।

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पिछले 8 दिनों (1 से 8 जून) में धारावी में कोरोना के कुल 153 कोरोना संक्रमित मिले हैं। 6 जून को यहां सबसे कम 10 कोरोना संक्रमित मिले थे। पिछले सात दिनों में कोरोना संक्रमण से किसी भी मरीज की जान नहीं गई है। मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी एक समय कोरोना वायरस का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गयी थी । लेकिन अब यहां पिछले सात दिनों में कोरोना संक्रमण से किसी भी मरीज की जान नहीं गई है। इसके अलावा यहां कोविड-19 के मामलों में भी कमी देखने को मिल रही है। पिछले दो दिन में यहां कोरोना के सिर्फ 23 मामले सामने आए हैं।

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यहां रविवार को 13 और शनिवार को 10 केस सामने आए, जिसके बाद माना जा रहा है कि यहां इस वायरस की रफ्तार धीमी होती जा रही है। धारावी में अब तक 1912 कोरोना के केस आ चुके हैं जबकि 71 लोगों की मौत हुई है। बीएमसी की सहायक नगर आयुक्त किरण दिघावकर, जो धारावी की कोरोना मिशन प्रभारी हैं, उन्होंने कहा, ‘धारावी में आक्रामक स्क्रीनिंग ने पॉजिटिव मामलों को कम करने में मदद की है। बीएमसी के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, निजी क्लीनिक के डॉक्टरों, मोबाइल वैन, नगर निगम की डिस्पेंसरी आदि ने लगभग छह से सात लाख लोगों के घर-घर जाकर जांच की है।

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BMC ने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए कड़ी मेहनत की है जिसके अब अच्छे रिजल्ट आने शुरू हो गए हैं जिसने प्रशासन को अपनी पीठ थपथपाने का मौका दे दिया है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है। जिस भी वार्ड में धारावी आता है वहां के आँकड़ों में सुधार आ रहे हैं। दुनिया के इस सबसे बड़े स्लम (2.6 स्क्वायर किलोमीटर इलाका) में 6 लाख लोग रहते हैं। यहां दस बाई दस फीट के कमरे में 8-10 लोग रहतें हैं। यहां 73 फीसदी लोग पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करते हैं। किसी टायलेट में 40 सीट होती हैं, कहीं 12 और कहीं 20 सीट वाले टॉयलेट होते हैं। एक सीट को रोज अंदाजन 60 से 70 लोग इस्तेमाल करते हैं, यानी एक दिन में एक हजार से ज्यादा लोग पब्लिक टॉयलेट में आते हैं।

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