एक तरफ कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों को अपने घर पहुंचाने वाले बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की तारीफ जहां पूरा देश कर रहा है तो वहीं महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना सरकार ने इसमें सियासी ड्रामा शुरू कर दिया है। पूरे देश के लोगों के दिलों में अलग जगह बना चुके सोनू सूद की तारीफ शिवसेना के नेता संजय राउत को शायद पसंद नहीं आ रही। शिवसेना के मुख्य पत्र सामना में संजय राउत ने सोनू सूद पर कई तरह के सवाल खड़े किये हैं।
संजय राउत का कहना है कि सोनू सूद बिना किसी राजनैतिक पार्टी की मदद से हज़ारों मजदूरों की मदद कैसे कर सकते है? इतना ही नहीं, संजय राउत ने सोनू सूद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह एक बॉलीवुड एक्टर है, जो पैसो के लिए किसी भी तरह का काम कर सकते है। बीजेपी नेताओं ने सोनू सूद को प्यादा बनाकर ठाकरे सरकार को नीचा दिखाने का काम किया है।
अपने आर्टिकल में संजय राउत ने कहा ‘कितनी चतुराई के साथ किसी को एक झटके में महात्मा बनाया जा सकता है। लॉकडाउन के दौरान आचानक सोनू सूद नाम से नया महात्मा तैयार हो गया। कहा जा रहा है कि सोनू सूद ने लाखों प्रवासी मजदूरों को दूसरे राज्यों में उनके घर पहुंचाया अर्थात् केंद्र और राज्य सरकार ने कुछ भी नहीं किया। इस कार्य के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी महात्मा सूद को शाबाशी दी।’
सोनू सूद को भाजपा का एजेंट बताने के बाद संजय राउत के खिलाफ बीजेपी और राज्य के अन्य लोगों ने भी मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है। सियासी ड्रामा शुरू कर दिया है। पूरे देश के लोगों के दिलों में अलग जगह बना चुके सोनू सूद की तारीफ शिवसेना के नेता संजय राउत को शायद पसंद नहीं आ रही। शिवसेना के मुख्य पत्र सामना में संजय राउत ने सोनू सूद पर कई तरह के सवाल खड़े किये हैं।