कोरोना संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की मीटिंग हुई। यह मीटिंग बुधवार को प्रधानमंत्री निवास में हुई। करीब 2 घंटे चली इस मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट के मंत्रियों ने भाग लिया। इस मीटिंग में अहम अध्यादेशों को मंजूरी दी गई। जिनमें आवश्यक वस्तु अधिनियम, APCA अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई। इस अधिनियम के तहत किसान अपनी फसल को सीधे बेच सकेंगे। अब किसानों की फसल के लिए पूरे देश में एक देश एक बाजार का कानून लागू होगा।
प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी जानकारी
इस अधिनियम के बारे में कैबिनेट मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर और नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया। उन्होंने कहा कि अब भारत के किसान को अपनी फसल को किसी भी राज्य में जाकर अपनी फसल बेचने का अधिकार होगा। जावड़ेकर ने बताया कि मोदी सरकार ने मंडी कानून और आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया है। अब कृषि उत्पादों के भंडारण की क्षमता को समाप्त कर दिया गया है। आज अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू जैसे कृषि उत्पाद आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर किए गए । इस योजना का लाभ किसानों को मिलेगा और किसानों के हिस्सों को खाने वाले विचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी।
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50 वर्षों से किसान की थी यह मांग
जावड़ेकर ने कहा कि किसान 50 वर्षों से “वन नेशन वन मार्किट” की माँग कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि सरकार वन नेशन, वन मार्केट के लिए पूरी तरह से तैयार है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि ज्यादा कीमतों की गारंटी के मसले पर भी एक फैसला हुआ है। यदि कोई निर्यातक, कोई प्रोसेसर या कोई उत्पादक है तो उसको कृषि उपज को आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा दी गई है। इस फैसले से एक आपूर्ति चेन खड़ी होगी। भारत के इतिहास में ये किसानो के विकास के लिए ये सबसे बड़ी योजना सिद्ध हो सकती है। कृषि मंत्री का 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना मोदी सरकार का लक्ष्य है।