वैश्विक महामारी कोविड-19 इस समय पूरे भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस बीमारी से लोगों को बचाने की चुनौती तो है ही, साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाना सरकार के लिए जरुरी होता जा रहा है। हालांकि इस संकट के बीच भी कुछ देश और राजनैतिक दल मोदी सरकार की क्षमता और कार्यशैली पर लगातार सवाल खड़े करने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ दिनों पहले चीन ने लद्दाख के पास की सीमा पर गतिविधि बढ़ा कर भारत की परीक्षा लेनी चाही थी। चीन के तेवर देख कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारत सुरक्षित हाथों में नहीं है। लेकिन अगर आप पिछले 2 दिनों के भीतर घटी कुछ घटनाओं पर नजर डालेंगे तो आप भी यकीन करेंगे की देश न सिर्फ सुरक्षित हाथों में है बल्कि पहले से भी कहीं अधिक शक्तिशाली है।
विवाद बढ़ने से पहले ही हाई लेवल मीटिंग
चीन के साथ सीमा पर बढ़ते विवाद के बीच तुरंत ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना देर करे तीनो सेना प्रमुखों के साथ बैठक कर स्तिथी का जायजा लिया। पीएम मोदी की इस बैठक ने चीन को आगे की कोई भी गतिविधि करने से पहले ही बैकफुट पर धकेल दिया और साफ तौर पर सन्देश दे दिया कि भारत कोरोना के संकट के बीच भी अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए तैयार है।
नेपाल को दिया उसी की भाषा में जवाब
चीन के बहकावे में आकर नेपाल ने भी भारत को आंख दिखानी शुरू कर दी। भारत के हिस्से को अपना बताने के लिए नेपाल ने संसद में एक बिल पेश करने की योजना बनायी। भारत ने जवाब में ज्यादा कुछ नहीं किया और नेपाल से पाम ऑइल और चाय के आयात पर रोक लगा दी। जिसके बाद नेपाल ने संसद में नए नक़्शे को लेकर पेश किये जाने वाले बिल पर रोक लगा दी।
एयरफोर्स को मिली तेजस विमान की दूसरी स्क्वाड्रन
भारत की वायुसेना ने तेजस विमान की दूसरी स्क्वाड्रन को शामिल कर चीन और अन्य देशों को स्पष्ट तौर पर जवाब दे दिया है कि वह भी किसी भी तरह के युद्ध से निपटने के लिए तैयार है। बता दें कि वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन को सौंपा। इस स्क्वाड्रन का नाम फ्लाइंग बुलेट रखा गया है।
अमेरिका ने की मध्यस्ता की बात
दूसरी ओर सबसे ताकतवर देश कहे जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और भारत के बीच विवाद सुलझाने की बात कही है। ट्रंप का कहना है कि वह दोनों देशों के बीच जारी मतभेद को सुलझाने की पूरी कोशिश करेंगे। यानी की साफ है, अगर ड्रैगन ने अमेरिका को आंख दिखाई तो वह भी भारत के साथ खड़ा दिखाई दे सकता है।
दिल्ली में सेना कमांडर की मीटिंग ने बदले चीन के सुर
इन सबके बीच चीन को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए दिल्ली में लगातार एक के बाद एक सेना के कमांडर्स की मीटिंग ने चीन के सुर पूरी तरह से बदल दिए हैं। भारत के सख्त तेवर देख चीन यू टर्न लेने की कोशिश कर रहा है। चीन अब कह रहा है सीमा पर भारत के साथ बढ़ रहा विवाद बातचीत से सुलझाया जा सकता है।
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