बढ़ता जा रहा भारत और चीन सेनाओं के बीच टकराव, सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं मुस्तैद

0
372
सांकेतिक चित्र

नई दिल्ली | पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति बढ़ती ही जा रही है। साल 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद यह सबसे बड़ी सैन्य तनाव का रूप ले सकती है। भारत ने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत की है। इन दोनों विवादित क्षेत्रों में चीनी सेना ने अपने दो से ढाई हजार सैनिकों की तैनाती की है और वह धीरे-धीरे अस्थाई निर्माण को मजबूत भी कर रही है।

गलवान घाटी में दरबुक शयोक दौलत बेग ओल्डी सड़क के पास भारतीय चौकी केएम-120 के अलावा कई महत्वपूर्ण ठिकानों के आसपास चीनी सैनिकों की उपस्थिति भारतीय सेना की चिंता बढ़ा रहा है। सेना की उत्तरी कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने इस मामलें में कहा है कि “यह गंभीर मामला है। यह सामान्य तौर पर किया गया अतिक्रमण नहीं है। गलवान क्षेत्र पर दोनों पक्षों में कोई विवाद नहीं है, इसलिए चीन द्वारा यहां अतिक्रमण किया जाना चिंता की बात है।”

रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ एवं चीन में भारत के राजदूत रह चुके अशोक कांत ने भी लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा से सहमति जताते हुए कहा, “चीनी सैनिकों द्वारा कई बार घुसपैठ की गई है। यह चिंता की बात है। यह सामान्य गतिरोध नहीं है। यह परेशान करने वाला मामला है।” सेना के एक्सपर्ट्स की माने तो पैंगोंग त्सो, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में दोनों देश की सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए राजनयिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

इसी तरह वर्ष 2017 में भी डोकलाम तिराहा क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिन तक तनातनी चली थी।जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका भी उत्पन्न हो गई थी। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा कही जाने वाली 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश के दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है, जबकि भारत का कहना है कि यह उसका अभिन्न अंग है। भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन किए जाने और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के कदम से बभी चीन नाखुश रहा है। लद्दाख के कई हिस्सों पर बीजिंग भी अपना दावा जताता है।

Image Attribution: Sgt. Michael J. MacLeod / Public domain

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here