देशभर में लॉकडाउन की वजह से देश के अलग अलग राज्यों में लाखों प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। प्रवासी मजदूर अपने घर लौटने के लिए रोज रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के मुद्दे पर राजनीति और तीखी हो चली है। इस बार रेलमंत्री पीयूष गोयल और उद्धव सरकार आमने सामने है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार से यात्रियों की लिस्ट मांगी ताकि कितनी ट्रेनें भेजी जाए, ये तय हो सके, लेकिन अभी भी लिस्ट नहीं मिली है।
रेलमंत्री ने एक और ट्वीट किया कि ‘हम महाराष्ट्र को 125 श्रमिक स्पेशल ट्रेन देने के लिए तैयार हैं। जैसा कि आपने बताया कि आपके पास श्रमिकों की लिस्ट तैयार है। ऐसे में आप एक घंटे में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को लिस्ट सौंप दें, जिससे हम ट्रेनों को समय पर चला सकें। पहले की तरह ट्रेन को खाली ना जाना पड़े।
पीयूष गोयल के इस ट्वीट पर शिवसेना नेता संजय राउत ने बदइंतजामी का सवाल उठा दिया। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे को श्रमिकों की लिस्ट सौंप दी है, लेकिन मैं रेल मंत्री पीयूष गोयल जी से निवेदन करता हूं कि मजदूरों को ले जा रही ट्रेन अपनी मंजिल पर ही पहुंचे ना कि गोरखपुर जाने वाली ट्रेन कि तरह ओडिशा पहुंच जाए। ट्वीट का सिलसिला यही नहीं रुका।
पीयूष गोयल ने एक और ट्वीट कर कहा कि ‘रात के 12 बज चुके है और 5 घंटे बाद भी हमारे पास महाराष्ट्र सरकार से कल की 125 ट्रेनों की डिटेल्स और पैसेंजर लिस्टें नही आयी है। मैंने अधिकारियों को आदेश दिया है, फिर भी प्रतीक्षा करे और तैयारियां जारी रखे। उन्होंने आगे लिखा, ‘आशा करता हूं कि महाराष्ट्र सरकार हमारे इन श्रमिकों के लाभ के लिए किए गए प्रयास में पूरा सहयोग करेगी।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रेल मंत्री पीयूष गोयल के ट्वीट करने के कदम का बचाव करते हुए कहा, ‘रेल मंत्री को ये ट्वीट क्यों करने पड़े वो भी आप देखिए। पहले दिन से रेल मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जितनी गाड़ियां मांगीं, रेल मंत्रालय ने दीं। कई गाड़ियां तो खाली चली गईं क्योंकि उनमें जाने के लिए मजदूर ही नहीं थे। इसके बावजूद वे लगातार महाराष्ट्र सरकार की मदद कर रहे थे। अपनी नाकामी छुपाने के लिए जब मुख्यमंत्री या उनके सांसद कहते हैं कि हमने 200 गाड़ियां मांगीं और हमें 40 ही मिलीं, तो ये सरासर झूठ है। इसीलिए पीयूष जी ने साफ शब्दों में कहा कि आप लिस्ट दीजिए। वो स्पेशल गाड़ियों के लिए लिस्ट तो छोड़िए जो रेगुलर गाड़ियां जाती हैं उनकी लिस्ट भी नहीं दे पाए।