कोरोना संकट के बीच लाखों श्रमिक और प्रवासी मजदूरों के लिए उम्मीद की किरण बनी योगी सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लेकर सभी को चौंका दिया है। कोरोना महामारी के चलते घोषित हुए लॉकडाउन के बीच अन्य राज्यों से यूपी लौटे प्रवासी कारीगरों और मजदूरों की सुरक्षा और उनकी जीविका के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा स्ट्रोक खेला है। प्रवासी मजदूरों के हितों की सुरक्षा के लिए सीएम योगी ने नई पहल की शुरुआत करते हुए माइग्रेशन कमीशन की योजना तैयार करने के निर्देश दे दिए है।
घर वापस आए श्रमिक बहनों-भाइयों को प्रदेश में ही सेवायोजित करने के लिए एक माइग्रेशन कमीशन गठित करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 24, 2020
'अर्थव्यवस्था की धुरी' इन कामगारों को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध करवाकर इन्हें सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
सीएम योगी का कहना हैं कि माइग्रेशन कमीशन के गठन के बाद यह आयोग प्रवासी श्रमिक-कामगारों को न सिर्फ रोजगार, बल्कि सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। कारीगरों और मजदूरों को आने वाले समय में आर्थिक मंदी के चलते राज्य में रहने की कोई समस्या न हो इसके लिए भी प्रदेश सरकार कम किराए पर ऐसे मजदूरों को आवास उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने माइग्रेशन कमीशन के गठन का फैसला अपने आवास पर की गई बैठक के बाद लिया। अफसरों के साथ की गयी बैठक में सीएम योगी ने कहा अब तक 23 लाख कामगार-श्रमिकों को वापस लाया गया है। इन सभी को सेवायोजित करने के लिए एक माइग्रेशन कमीशन गठित करने की रूपरेखा तैयार करें। इन्हें रोजगार मुहैया कराकर सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने ये भी निर्देश दिए है कि पीएम मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के तहत आवास निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेजा जाए जिसके तहत मजदूरों को किराए के मकान देने की योजना को जल्द स्वीकृत किया जाएगा।
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