योगी सरकार-प्रियंका गांधी में खींचतान जारी है, अब फिर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार के गृह सचिव को लिखे गए पत्र में कहा है कि आगरा प्रशासन उनकी बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दे रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य में बसों को प्रवेश की अनुमति दी जाए। प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा था कि ज्यादा बसें होने के चलते उनकी परमिट लेने में कुछ समय लग रहा है, लेकिन शाम पांच बजे तक सभी बसें यूपी बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी। कांग्रेस के नेता सुप्रिया श्रीनेत ने यूपी सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि योगी सरकार के आरटीओ हमारे बसें उपलब्ध कराने वाले ट्रांसपोर्टरों को धमकी दे रही है। प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमने-सामने आ गए है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा यूपी में प्रवासी मज़दूरों को घर तक पहुंचाने के लिए 1000 बसे उपलब्ध कराने की पहल का जवाब योगी सरकार ने प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार ने यह भी दावा किया कि प्रियंका के ऑफिस की तरफ से दी गई लिस्ट में कुछ नंबर मोटरसाइकिल, कार और तिपहिया वाहनों के हैं।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि अगर उन्हें लखनऊ में बसें पहुंचाने में दिक्कत है तो ऐसी स्थिति में गाजियाबाद के जिलाधिकारी को 12 बजे तक 500 बस उपलब्ध करा दें। पत्र में आगे यह भी लिखा है कि,”कृपया गाजियाबाद में कौशाम्बी बस अड्डा और साहिबाबाद बस अड्डे में बसें उपलब्ध कराने का कष्ट करें। इसके अतिरिक्त 500 बसें नोएडा में जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को एक्सपो मार्ट के निकट ग्राउंड पर उपलब्ध करा दें। संबंधित जिलाधिकारी बसों का परमिट, फिटनेस, इन्श्योरेंस आदि के अभिलेख व चालक के लाइसेंस और परिचालक के अभिलेख चेक कर बसों का उपयोग तत्काल करेंगे। इस से पहले प्रियंका गांधी की तरफ से हजार बस उपलब्ध कराए जाने की सूचना उत्तर प्रदेश के गृह सचिव अवनीश अवस्थी को दिए जाने के बाद उनकी तरफ से एक और लेटर जारी किया गया था। जिसमें बसों के ड्राइवरों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवर के लाइसेंस के साथ लखनऊ के डीएम को सौंपने के लिए कहा गया। उत्तर प्रदेश के गृह सचिव के इस पत्र का जवाब प्रियंका गांधी ने यह लिख कर दिया कि कई प्रवासी यूपी बॉर्डर, खासकर दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। ऐसे समय में जब उनमें से अधिकांश सड़कों पर चल रहे हैं और पंजीकरण के लिए यूपी के बॉर्डर पर एकत्रित हुए हैं, ऐसी स्थिति में 1000 खाली बसों को लखनऊ भेजना न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि अमानवीय भी है। प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार को लिखी चिट्ठी में इस कदम को “पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित” बताया और सवाल किया है कि राज्य की सीमा से बसों को खाली कराकर लखनऊ में औपचारिक रूप से हैंडओवर करने के पीछे क्या औचित्य है।