राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा, विश्व को संक्रमण प्रसार के लिए कई महीनों यहां तक कि कई सालों तक के लिए तैयार रहना चाहिए। तथा डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने अन्य देशों की तुलना में भारत की सराहना करते हुए कहा कि भारत अभी तक कोरोना के संक्रमण को फैलने में तथा इससे होने वाली मृत्यु को रोकने में सफल हुआ है। और भारत कोविड-19 का टीका बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। अगर भारत इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगा तो दुनियाभर के लिए पर्याप्त टीके का निर्माण नहीं हो पायेगा। इसे टीका विकसित करने और परीक्षण तक सीमित नहीं रखा जा सकता।
महत्वपूर्ण बात ये है कि टीके के बड़े पैमाने पर निर्माण के साथ ही स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा आबादी का भी टीकाकरण हो सके। इसके साथ ही उन्होेंने कहा कि भारत के सामने बड़ी जनसंख्या वाला देश है जहां कई शहरी इलाकों में अत्यधिक भीड़ व ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी हैं। इस संकट के समय में हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी, प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य कार्यबल को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए। जिससे ग्रामीण इलाकों तथा अत्यधिक भीड़ वाले शहरी क्षेत्रों में उचित रूप से स्वस्थ्य सेवाएं दी जा सकें।
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवा ‘फीफाट्रोल’ कोरोना के इलाज में रामबाण हो सकती है। नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (कंपेंडियम) की ओर से जारी 200 तकनीक की सूची में यह दवा भी शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी तो संक्रमण का खतरा कम होगा। इस आयर्वेदिक दवा के प्रोयग से संक्रमित व्यक्ति भी आसानी से ठीक हो सकता है। फीफाट्रॉल इम्युनिटी बूस्टर होने के साथ मल्टी ड्रग है, जिसमें आयुर्वेद का पूरा मिश्रण हैं। ये दवा प्राकृतिक एंटीबोटिक से युक्त है, जो फ्लू के संक्रमण और दर्द जैसी तकलीफों में आराम देती है। कंपेडियम का कहना है कि दवा से नाक संबंधी तकलीफ दूर होने के साथ गले में खराश, सिर दर्द और बदन दर्द में आराम मिलता है जो कोरोना का लक्षण है।
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