महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के 2 साधुओं समेत 1 ड्राइवर के साथ हुई लिंचिंग की घटना को 1 महीने का समय बीतने वाला है लेकिन अभी भी इस मामले की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है। साधुओं के साथ हुई इस घटना को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच इस मामले को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि जब दर्जनों की भीड़ ने साधुओं की हत्या की थी तो उस समय वहां मौजूद पुलिस ने शवों की सुध नहीं ली और करीब 9 घंटे तक साधुओं के शव को सड़क पर ही पड़े रहने दिया।
महाराष्ट्र पुलिस की इस लापरवाही का खुलासा न्यूज नेशन के सीनियर पत्रकार दीपक चौरसिया ने किया है। दीपक चौरसिया ने इस बात का खुलासा पालघर मामले में चश्मदीद फॉरेस्ट गार्ड के बयान के आधार पर किया है। दीपक चौरसिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इस बात का खुलासा किया। दीपक चौरसिया ने ट्वीट कर कहा ‘पालघर संतों की क्रूर और निर्मम हत्या के बाद उनकी देह 9 घंटे तक सड़क पर लावारिस पड़ी रही। दरअसल पुलिस वाले हत्या के बाद भाग खड़े हुए थे। रात भर ड्राइवर और दो संतों की हत्या के बाद भी पुलिस ने सुध नहीं ली। #PalgharLynching के चश्मदीद फॉरेस्ट गार्ड ने ये बात @NewsNationTV से कही है।’
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ऐसे में कहीं न कहीं ये भी कहा जा सकता है कि अगर पुलिस साधुओं के शव को उन 9 घंटो के भीतर अस्पताल ले जाती तो शायद इन साधुओं की जान भी बचाई जा सकती थी। खैर साधुओं की हत्या के बाद कई तरह के तर्क दिए गए लेकिन प्रसाशन और पुलिस की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई हैं। लोगों का मानना है कि अभी भी कई प्रश्न ऐसे हैं जिनका जवाब प्रशासन को देना बाकी है।
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