सुरक्षा नहीं मिली तो हरयाणा की आईएएस अधिकारी ने दिया इस्तीफा, मायावती ने हरयाणा सरकार से मांगा जवाब

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हरयाणा कैडर 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने 4 मई को चंडीगढ़ में कर्फ्यू हटते ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पीछे कारण रानी ने सरकारी डयूटी पर व्यक्तिगत सुरक्षा को बताया गया था। रानी नागर का यूँ अचानक इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गर्मा गया है। विपक्षी राजनेताओं ने हरयाणा सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। वहीं बसपा पार्टी की प्रमुख मायावती ने खट्टर सरकार को ट्वीट कर कई तरह के सवाल किए है।

मायावती ने राज्य सरकार पर उठाए सवाल

मायावती ने खट्टर सरकार से सवाल करते हुए ट्वीट किया और कहा कि आखिर एक महिला अफसर के सम्मान को लेकर राज्य सरकार चुप क्यों है? मायावती ने ट्वीट किया ‘हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को नौकरी के दौरान अपनी जान को खतरे के कारण अपनी नौकरी से ही इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौट आना पड़ा है, जो अति-दुःखद व अति-दुर्भाग्यपूर्ण है। महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता व चुप्पी क्यों?’

इस वजह से रानी नागर ने दिया था इस्तीफा

रानी नागर ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था। वह हरियाणा में सोशल जस्टिस ऐंड एम्पावरमेंट डिपार्टमेंट में अडिशनल डायरेक्टर थीं। दरअसल रानी नागर लगातार सरकार से सुरक्षा की मांग कर रही थीं लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई, जिससे नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया था। रानी नागर ने एक सीनियर आईएएस अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

इस्तीफे के बाद गाज़ियाबाद लौटी रानी नागर

अपना इस्तीफा देने के बाद रानी नागर अपने घर गाजियाबाद लौट आई। ट्विटर पर इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने लिखा ‘मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी गाजियाबाद गांव बादलपुर तहसील दादरी जिला गौतमबुद्धनगर, आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैंने आज दिनांक 04 मई 2020 को आईएएस के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। मैं और मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ से अपने पैतृक शहर गाजियाबाद वापस जा रहे हैं। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।’

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