नई दिल्ली | कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सभी राज्य सरकारों के राजस्व में भारी कमी आयी है। ऐसे में विभिन्न राज्य सरकारें अपनी झोली भरने के लिए पेट्रोल डीजल के साथ ही शराब पर भारी टैक्स लगाकर राजस्व जुटाने में लगी हुई है। इस बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी पेट्रोल डीजल पर भारी टैक्स लगा दिया है। लॉकडाउन 3.0 के बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक सेवा कर (VAT) को बढ़ा दिया है। जिससे दिल्ली में पेट्रोल 1.67 रुपये प्रति लीटर तथा 7.10 रुपये महँगा मिलेगा।
आईओसीएल की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 69.59 रुपये और डीजल की कीमत 62.29 रुपये प्रति लीटर थी। अब पेट्रोल-डीजल के रेट में बढ़ा हुआ वैट भी जुड़ जाएगा। इससे पहले दिल्ली में सरकार ने शराब पर भी 70 फीसद कोरोना सेस लगा दिया है। जिससे दिल्ली में शराब काफी महँगी बिक रही है। इससे पहले नागालैंड सरकार ने 28 अप्रैल की मध्यरात्रि से पेट्रोल 6 रुपये और डीजल को 5 रुपये प्रति लीटर महंगा कर दिया था। असम सरकार ने भी डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर टैक्स बढ़ा दिया था।
असम में पेट्रोल 71.61 रुपये से बढ़कर 77.46 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 65.07 रुपये से चढ़कर 70.50 रुपये प्रति लीटर हो गया। वहीं मेघालय में एक लीटर पेट्रोल का भाव 74.9 रुपये और डीजल का दाम 67.5 रुपये हो गया है। राज्यों को केंद्र से मिलने वाले जीएसटी का हिस्सा छोड़ दें तो उनकी आय का सबसे बड़ा जरिया शराब पर टैक्स, जमीन की रजिस्ट्री और पेट्रोल-डीजल से मिलने वाला वैट है। लॉकडाउन ने इन सभी जरियों को लॉक कर दिया है। ऐसे में राज्य सरकारों को राजस्व जुटाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाना उनकी मजबूरी है।