दिल्ली के विधानसभा चुनावों का बिगुल बजने में अब बस कुछ ही महीनों का समय बाकि रह गया है। सभी राजनीतिक पार्टियां लुभावने वादें कर जनता को अपने पक्ष में करने में जुट गई है। लेकिन दिल्ली वासियों के लिए पिछला एक साल अगर राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इतना आसान नहीं रहा। पिछले एक साल से भी कम समय में दिल्लीवासियों ने अपने उन 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों (Chief Minister) को खो दिया जिन्हें यहां के लोग शायद ही कभी अपने ज़हन से बाहर रख पाएंगे।
हाल ही में मंगलवार को देश की पूर्व विदेश मंत्री और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री (Ex. Cheif Minister) सुषमा स्वराज ने आखिरी सांस ली। स्वराज बीजेपी के कद्दावर और फायर ब्रांड नेताओं में गिनी जाती थीं। उनकी उम्र 67 साल की थी। अपने सरल स्वभाव और ओजस्वी भाषण से भारतीय राजनीति में अलग पहचान रखने वाली सुषमा स्वराज केंद्रीय मंत्री बनने से पहले दिल्ली की सीएम भी रही थी। उनके निधन के साथ ही पिछले एक साल में दिल्ली के 3 पूर्व मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता को छोड़ कर चले गए। आइए आपको बताते है उनके बारे में।
मदनलाल खुराना
साल 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री (Chief Minister) रहे मदन लाल खुराना का निधन पिछले साल अक्टूबर में हो गया था। उन्होंने 82 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। दिल्ली के सीएम के अलावा उन्हें 2004 में राजस्थान का राज्यपाल भी नियुक्त किया गया था। दिल्ली के सीएम रहते उन्होंने कई ऐसे कार्य किये जिन्हें दिल्लीवासी शायद ही कभी भूल पाएं। मदन लाल खुराना ने विजय कुमार मल्होत्रा व अन्य के साथ मिलकर दिल्ली में जनसंघ के केंद्र की स्थापना की थी, जिसे आगे चलकर बीजेपी के रूप में जाना गया। मदनलाल खुराना को दिल्ली का शेर भी कहा जाता था, जिसके चलते उन्हें वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी चुना गया था।
शीला दीक्षित
दिल्ली की छवि को अर्श से फर्श तक अगर कोई मुख्यमंत्री (Chief Minister) लेकर गया तो वो थी शीला दीक्षित। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का इस साल जुलाई में निधन हो गया था। शीला दीक्षित वर्ष 1998 में दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं और करीब 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इन 15 सालों में अगर कांग्रेस ने दिल्ली में राज़ किया तो उसमें शीला दीक्षित की अहम भूमिका थी। बता दें कि वर्ष 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल भी नियुक्त किया गया था, लेकिन कुछ महीनों बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसके अलावा शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा सदस्य रहीं।
सुषमा स्वराज
देश की आयरन लेडी कही जाने वाली सुषमा स्वराज ने 6 जुलाई 2019 को दुनिया को अलविदा कह दिया। सुषमा स्वराज 25 साल की उम्र में विधायक बनने में वाली सबसे कम उम्र की महिला थी। उन्होंने 25 साल की उम्र में पहली बार हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव लड़ा था। इसके बाद 1987 से 1990 तक हरियाणा सरकार में मंत्री भी रहीं। सुषमा स्वराज साल 1996 में पहली बार दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा चुनाव चुनाव जीतीं और 13 दिन की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री बनी। इसके बाद उन्होंने 12 अक्टूबर 1998 को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शीला दीक्षित के बाद सुषमा स्वराज दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री रही। उनके राजनीतिक सफर को देखते हुए 2014 में मोदी सरकार ने सुषमा स्वराज को विदेश मंत्री का कार्यभार सौंपा। लेकिन 2019 में खराब स्वास्थ्य के चलते उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।