मुरादाबाद | कोरोना वायरस के कारण यूपी के मुरादाबाद का नवाबपुरा इलाका देश भर में चर्चित रहा है। मुरादाबाद में उन डॉक्टरों और पुलिस पर पत्थर फेंके गए जो लोगाें को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए क्वारंटाइन करने के लिए गए हुए थे। मुरादाबाद का जो मोहल्ला पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों पर पत्थर से हमला किये जाने के कारण चर्चा में रहा था आज फिर से वो ही मोहल्ला काफी चर्चा में है। लेकिन इस बार वज़ह कुछ और है। अबकी बार ये मुहल्ला इस लिए काफी चर्चा में आ रहा है क्योंकि यहाँ की एक गली में कोरोना के चलते तीन सगे भाइयों की मौत हो गई है। इनमें से दो कोरोना वायरस से संक्रमित थे, जबकि तीसरे की कोविड-19 की जांच ही नहीं हुई।
जानकारी के मुताबिक पखवाड़े भर पहले इस परिवार में सबसे बड़े मुखिया की घर पर ही मौत हो गई। वह सांस के रोगी थे, लेकिन उनकी कोरोना जांच नहीं हो सकी थी। उसके कुछ ही दिन बाद अचानक उनके भाई की तबियत बिगड़ गई। हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें फौरन टीएमयू अस्पताल रेफर कर दिया गया। जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। रिपोर्ट आने के बाद उसकी मौत भी हो गई। कुछ दिन बाद ही तीसरे की भी तबियत बिगड़ने लगी थी।
उन्हें भी टीएमयू में भर्ती कराया और 17 अप्रैल की रिपोर्ट में वह भी संक्रमित पाए गए और कोरोना ने इस युवक की भी जान ले ली। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को यकीन हो गया कि कोरोना संक्रमण इस परिवार को चपेट में ले चुका है। थोड़ी सी लापरवाही ने परिवार पर 15 दिनों में दुखों का पहाड़ तोड़ दिया। पुलिस विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक इसी परिवार की वजह से ही डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके गए थे। बड़े भाई की मौत हो गई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मोहल्ले में हेल्थ स्क्रीनिंग और इस परिवार के अन्य लोगों को क्वारंटाइन कराने के लिए लेने गई थी। तभी उन पर पत्थर से हमला किया गया था।