दिल्ली | दिल्ली स्थित जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान को दिल्ली में हुए हिंसा के मामलें में गिरफ्तार कर लिया गया है। शिफा-उर- रहमान को यूएपीए के यानि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने बताया कि उनके पास कई तकनीकी साक्ष्य हैं जिसमें शिफा-उर-रहमान की भूमिका काफी संदिग्ध नज़र आ रही है। पुलिस के मुताबिक शिफा-उर-रहमान ने दंगों के दौरान भीड़ को उकसाया था। पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर के अनुसार, इसके बाद पुलिस ने उसके कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्सऐप को भी चेक किया जिसके बाद पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
इन सुराग से यह बात काफी हद तक पुख्ता हो गई है कि दिल्ली दंगे में उसकी भूमिका काफी अहम रही थी। पुलिस ने शिफा-उर- रहमान को गिरफ्तार करने के बाद उसे कोर्ट में उसे प्रस्तुत किया। जिसके बाद उसे 10 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस के अनुसार अभी हाल के दिनों में 10 लोगों को दिल्ली दंगे के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर और सफूरा ज़गर को भी साम्प्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दें कि दिल्ली में हिंसा नागरिकता कानून के विरोध और समर्थकों के द्वारा भिड़ने के बाद शुरू हुआ था। यह 24 फरवरी को फिर दिल्ली में दंगे का रूप ले चुकी थी जिसमें करीब 53 लोग मारे गए थे और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस मामलें में पुलिस के एफआइआर में यह दावा किया गया है कि सांप्रदायिक हिंसा एक “पूर्व-निर्धारित साजिश” थी जो कि कथित तौर पर जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और दो अन्य लोगों द्वारा रची गई थी।