रिपब्लिक भारत के एडिटर-इन-चीफ़ पर हुआ हमला जानिए क्या है पूरा मामला

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रिपब्लिक भारत के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर मुंबई में 22-23 अप्रैल के बीच की रात्रि को हुआ जानलेवा हमला। सूत्रों के अनुसार, रात के 10 बजे के शो के बाद अपने घर लौटते अर्नब गोस्वामी व उनकी पत्नी पर कांग्रेस के दो मोटरसाइकिल सवार गुंडों ने हमला कर दिया। इस हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। तकरीबन रात 12 बजे घटित इस घटना को लेकर अर्नब गोस्वामी ने खुद वीडियो बनाकर इस मामले की पूरी जानकारी साझा की है और उन पर किए गए इस हमले का ज़िम्मेदार उन्होंने गाँधी परिवार और मुख्यतः सोनिया गांधी को ठहराया है। बहरहाल इस घटना पर उन्होंने पुलिस से लिखित शिकायत भी दर्ज करवा दी है। इसी बीच इस मामले में सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों का नाम आने पर मुंबई के डीसीपी द्वारा एफआईआर दर्ज करने में ढुलमुल रवैया भी सवालों के घेरे में है।

अर्नब गोस्वामी द्वारा अपनी लिखित शिकायत के अनुसार, पहले दोनों हमलावरों ने उनकी गाड़ी के अंदर ये पहचानने की कोशिश की कि कौन कहाँ बैठा है। फिर उनमें से एक ने उनकी ओर इशारा किया और बाइक को सामने खड़ा करके उनका रास्ता रोक लिया। इसके बाद उन्होंने खिड़की के शीशे तोड़ना चाहा, मगर जब वो टूटा नहीं तो उन्होंने अपनी जेब से कुछ तरल पदार्थ निकाला और पूरी कार पर छिड़क दिया। किसी तरीके से अपनी बिल्डिंग पहुंचने पर उन्होंने अपने पीछे ही दूसरी गाड़ी से आ रहे अपने ऑफिस गार्ड से जब इस बारे में पूछा कि वो कौन लोग थे तो उसने बताया कि वो दोनों हमलावर खुदको यूथ कांग्रेस का सदस्य बता रहे थे और वो उन्हें (अर्नब को) सबक सिखाने आए थे। अर्नब के अनुसार इस बीच उनके पास मुबई पुलिस के शिवाजी होस्मानी भी वहीं पहुंच गए जो उनकी हिफाज़त के लिए तैनात किए गए हैं।

होस्मानी ने भी उन्हें यही बताया कि उन पर किया गया हमला यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था। वहीं, इसके बाद डीसीपी भी वहीं पहुंच गए और होस्मानी ने उन्हें भी इस पूरे मामले से अवगत करवाया। अर्नब के अनुसार जब इस मामले पर उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही तो डीसीपी द्वारा उन्हें जल्दबाज़ी न करने की सलाह दी और वे उनको आश्वासन देकर वहाँ से चले गए कि उनकी शिकायत दर्ज की जाएगी और तथ्यों को सत्यापित करने के लिए उन्हें वे कॉल करेंगे।

मगर जब उनके पास डेढ़ घंटे बीत जाने पर भी कोई कॉल नहीं आई तो उन्होंने अपने सहकर्मी को कॉल किया जो की पुलिस थाने में मौजूद था। उसने अर्नब को बताया कि अब डीसीपी कह रहे हैं कि पकड़े गए लोग यूथ कांग्रेस के थे या नहीं ये तो जाँच के बाद ही पता चलेगा। आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए इस कृत के कारण व उनके दबाव के चलते ही उनका ये व्यवहार देखने में आया। ज्ञात हुआ है कि पकड़े गए इन कार्यकर्ताओं का नाम प्रतीक कुमार श्याम सुंदर शर्मा व अरुण दिलीप बुराडे बताया जा रहा है। दोनों आरोपितों के खिलाफ 341 एवं 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है व आगे की जाँच जारी है। इसके अलावा अर्नब ने अपनी लिखित शिकायत में अलका लांबा के ट्वीट का भी ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने इस हमले के तुरंत बाद यूथ कांग्रेस जिंदाबाद लिखा था।

ज्ञात हुआ है कि महाराष्ट्र में हुई 2 साधुओं की हत्या से भारतीय जनमानस में बहुत गुस्सा है। इस मामले पर एडिटर्स गिल्ड की चुप्पी से नाराज़ होकर पिछले दिनों अर्नब ने लाइव कैमरे के सामने उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया था। अर्नब ने इसी मामले पर सोनिया गाँधी की खामोशी पर सवाल खड़े किए थे और यही बात कांग्रेस हाईकमान को नागवार गुज़री। इसी के चलते उन पर कई प्रदेशों में कांग्रेसियों द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गईं हैं।

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