कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में हाहाकार मचा हुआ है, वैश्विक महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 22 लाख के पार जा चुकी है वहीं 1.50 लाख से अधिक लोगों की जानें गई हैं। दुनिया के 200 से ज्यादा देश मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप गहराता जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश भर से अब तक 12,736 एक्टिव मामले सामने आए हैं। कुल 521 मरीजों की मौत हो चुकी हैं। देश में कोरोना के 12,736 एक्टिव केस हैं जबकि 2230 मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दी जा चुकी है। तो वहीं कोरोना वायरस संकट के बीच कई लोग ऐसे हैं जो सर्दी, जुकाम और बुखार की दवाएं खरीद रहे हैं और उसे अपने पास एहतियात के तौर रख रहे हैं।
ऐसे में कई प्रदेश सरकारों ने एक बड़ा कदम उठाया है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और महाराष्ट्र ने तमाम मेडिकल शॉप और फार्मेसी को निर्देश दिया है कि वह उन लोगों के नाम का रिकॉर्ड रखें जो बुखार, कोल्ड और खांसी की दवा खरीद रहे हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना की सरकार हर रोज इन तमाम आंकड़ों को इकट्ठा करेगी और ये दवा खरीदने वालों का कोरोना वायरस टेस्ट करेगी। दरअसल इस बात की चिंता है कि इस तरह की दवाएं खाने से कोरोना वायरस के लक्षण दब जाते हैं ताकि लोग कोरोना टेस्ट से बच सके और उन्हें 14 दिन तक क्वारेंटाइन में ना रखा जाए। राजस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां लोगों ने खुद से सर्दी, जुकाम और बुखार की दवा खाई थी और बाद में इन लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था।