वैश्विक महामारी COVID-19 ने पूरे विश्व में युद्ध जैसा माहौल कर दिया है। इस वायरस ने पूरे विश्व में 13 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। जबकि 14 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान भी गवां चुकें है। भारत में भी कोरोना के चलते स्थिति हर दिन के साथ बिगड़ती जा रही है। जिसे देखते हुए भारत सरकार कोरोना के टेस्ट और सैंपलिंग को लगातार बेहतर कर रही है। इसी बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ICMR ने रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट की शुरुआत भारत में कर दी है।
दरअसल कुछ ही समय पहले समर ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमे भारत को 7 लाख से ज्यादा रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट उपलब्ध कराए जाने की बात कही गयी थी। वहीं शनिवार को चीन से एयरइंडिया का विमान रैपिड एंटीबाडी टेस्ट किट भारत लेकर पहुंचा। इस किट को लेकर कुछ लोगों में कंफ्यूज़न है कि ये किट काम कैसे करती है। आइए नजर डालते है कि आखिर क्या है रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट।
क्या है रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट?
कोरोना से संक्रमित होने पर शरीर में एंटीबॉडीज़ बनती है। रैपिड टेस्ट में इन्ही एंटीबॉडीज़ का पता लगाया जाता है। खास बात ये है कि इस टेस्ट से 15 मिनट में ही इस बीमारी का पता चल जाता है। इसलिए इसे रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट कहा जाता है।
कैसे होता है ये टेस्ट?
इस टेस्ट के तहत व्यक्ति का ब्लड सैंपल लेकर एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट में उंगली के 2 बूँद खून की आवश्यकता पड़ती है। इसके बाद ये पता लगाया जाता है कि हमारे शरीर में कोरोना की एंटीबॉडी बनी है या नहीं। 15 मिनट के अंदर ही इस बात का पता चल जाता है कि व्यक्ति के शरीर में कोरोना के लक्षण है या नहीं?
रियल टाइम PCR से अलग है रैपिड टेस्ट
रैपिड टेस्ट से पहले रियल टाइम PCR के जरिए कोरोना की टेस्टिंग की जा रही थी। इसके तहत लोगों का स्लैब सैंपल लिया जाता है जो आरएनए पर आधारित होता है। इसके बाद लोगों के शरीर में आरएनए के जीनोम ढूंढे जाते है। PCR का टेस्ट पॉजिटिव आने पर 14 दिनों के लिए मरीज को आईसोलेट कर दिया जाता है। हालांकि PCR टेस्ट में मरीज के ठीक होने के बाद इस बात का पता नहीं चल पाता कि इससे पहले मरीज को कोरोना के लक्षण थे या नहीं। जबकि रैपिड टेस्ट में ऐसा नहीं होता।
क्यों उपयोगी है रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट?
अभी तक भारत में रियल टाइम पीसीआर से ही टेस्टिंग होती थी। रियल टाइम पीसीआर का नतीजा आने में 2-3 दिन का समय लग जाता है। जबकि रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट का रिजल्ट आने में 15 मिनट का समय ही लगता है। इसके अलावा रैपिड टेस्ट में मरीज के ठीक होने के बाद भी इस बात का पता चल जाता है कि इससे पहले मरीज कोरोना से संक्रमित था या नहीं। ऐसे में कोरोना के संक्रमण को जल्द रोकने के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट ज्यादा उपयोगी है।