साढ़े तीन साल के बच्चे को जिंदा रहने के लिए चाहिए था ऊंट का दूध, रेलवे ने इस तरह की मदद

0
633

कोरोना वायरस के चलते लागू किये गए लॉकडाउन के बाद से देश भर के लोगों को कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इस वैश्विक महामारी ने हर वर्ग के लोगों के आमजनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। हालांकि इसके बावजूद कई सरकारी और गैर सरकारी संगठन लोगों की मदद कर रहे है। इसी बीच भारतीय रेलवे और IPS अरुण बोथरा ने पीड़ित बच्चे की मदद कर लोगों का दिल जीत लिया है। दरअसल कुछ ही दिनों पहले एक महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने साढ़े तीन साल के ऑटिस्टिक बच्चे के लिए राजस्थान से ऊंट का दूध मंगवाने की गुहार लगाई थी।

नेहा कुमारी नाम की महिला ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से कहा था ‘सर मेरा एक 3.5 साल का बच्चा है जो ऑटिज्म और गंभीर खाद्य एलर्जी से पीड़ित है। वह ऊंट के दूध और सीमित मात्रा में दालों पर जीवित रहता है। जब लॉकडाउन शुरू हुआ, तो मेरे पास लंबे समय तक चलने के लिए पर्याप्त ऊंट का दूध नहीं था। मुझे ऊंठ का दूध या इसके पाउडर को सदरी (राजस्थान) से लाने में मदद करें।‘

इसके बाद बच्चे को दूध न मिलने को लेकर रेलवे ने खुद मुंबई स्थित बच्चे की माँ का पास 20 लीटर ऊंटनी का दूध पहुँचाया। प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया ने ट्वीट करते हुए बताया ‘मुंबई में एक महिला द्वारा अपने 3.5 साल के ऑटिस्टिक बच्चे के लिए ऊंट के दूध की गैर-उपलब्धता के बारे में ट्वीट करने के बाद, रेलवे ने परिवार को 20 लीटर ऊंट का दूध पिलाया, जिसे बकरी, गाय और भैंस के दूध से एलर्जी है।‘

रेलवे के इस काबिल-ए-तारीफ काम को काफी सराहना मिल रही है। नेहा कुमारी के ट्वीट के बाद हरकत में आये लोग भी भारतीय रेलवे के इस योगदान की काफी प्रशंसा कर रहें है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here