सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अध्यक्षता में हुई बैठक में दुनिया के सामने कोरोना से पैदा हुए हालात और आर्थिक संकट पर चर्चा हुई। इस दौरान जिनपिंग ने कई अहम जानकारियां साझा कीं। दरअसल, मोदी ने मंगलवार को सऊदी क्राउन प्रिंस को जी-20 की बैठक का सुझाव दिया था। बैठक में संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापार संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन जैसे संगठन भी शामिल हुए। सम्मेलन में नेताओं ने महामारी फैलने से जुड़े डेटा शेयर करने पर सहमति जताई जिससे दुनियाभर की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो। अमेरिका और चीन के बीच तनातनी के बावजूद बैठक में वायरस कहां से पैदा हुआ, इस पर चर्चा नहीं की गई। जोर इस बात पर था कि इस आपदा से कैसे निपटना है। यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरस ने बृहस्पतिवार को जी20 देशों की आपातकालीन वर्चुअल शिखर वार्ता में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते खतरे को लेकर सभी को चेतावनी दी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि जानलेवा नॉविल कोरोनावायरस के खिलाफ विश्व लड़ाई नहीं जीत सकता। इससे लड़ने के लिए युद्ध के स्तर पर योजना बनाने की जरूरत है, क्योंकि पूरे विश्व में संक्रमितों की संख्या हर दिन कई गुना तेजी से बढ़ती जा रही है। गुटेरस ने कहा, हम एक वायरस के साथ लड़ रहे हैं और इससे जीत नहीं पा रहे हैं। विश्व को एक लाख संक्रमित मामलों तक पहुंचने में तीन महीने लगे, लेकिन अगले एक लाख का आंकड़ा पार करने में महज 12 दिन लगे। तीन लाख संक्रमितों की संख्या महज चार दिन के अंदर आ गई, जबकि संक्रमण को चार लाख लोगों में फैलने में महज डेढ़ दिन लगे। यह गुणात्मक वृद्धि है और महज एक शुरुआत है।
ऐसे में इस वायरस से लड़ने के लिए युद्धकालीन योजना बनाने की जरूरत है।सऊदी अरब के शाह सलमान ने बृहस्पतिवार को जी-20 के नेताओं से आग्रह किया कि वे कोरोना महामारी से उत्पन्न वैश्विक संकट से निपटने के लिए प्रभावी और समन्वित कार्यवाही करें। दुनियाभर में आर्थिक मंदी की आशंका के बीच उन्होंने विकासशील देशों की मदद करने की भी अपील की। शाह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई जी-20 देशों की आपात बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। शाह पर तेल कीमतों को लेकर रूस के साथ जारी जंग को खत्म करने का काफी दबाव है। अपने प्रारंभिक संबोधन में शाह ने कहा कि इस मानवीय संकट की घड़ी में वैश्विक प्रतिक्रिया की जरूरत है। इस चुनौती से निपटने के लिए हम सभी को एकसाथ आना होगा और परस्पर सहयोग करना होगा। शाह ने कहा, हमें इस वैश्विक महामारी के मद्देनजर प्रभावी और समन्वित कार्रवाई करनी होगी तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में भरोसा बहाल करना होगा। पर्याप्त पूंजी और उचित स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझ रहे गरीब देशों के लिए चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम विकासशील और कम विकसित देशों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएं ताकि उनकी क्षमताओं को बढ़ाया जा सके और वे इस संकट और इसके परिणामों का मुकाबला करने के लिए अपने बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकें।
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