लखनऊ | उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या 19 तक पहुँच चुकी है। इसके साथ ही योगी सरकार ने प्रदेश के तमाम डॉक्टरों समेत स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों की 15 अप्रैल तक की छुट्टी रद्द कर दी हैं। प्रदेश सरकार कोरोना से निपटने के लिए काफी सावधान नजर आ रही है जिसके चलते ही ये फैसला लिया गया है।
यूपी में अब पांच और मेडिकल कॉलेजों में कोरोना वायरस की जांच के लिए लैब स्थापित किया जाएगा। इसमें संजय गांधी पीजीआई और गोरखपुर, मेरठ, प्रयागराज व झांसी के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। वहीं, बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज की लैब को उच्चीकृत किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार को पत्र भी लिखा गया है। अभी केजीएमयू में पहले से ही कोरोना वायरस के जांच की सुविधा है।
सभी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों इनफेक्शन प्रीवेंशन एंड पेशेंट मैनेजमेंट प्रोटोकोल जारी किया गया। इसे भारत सरकार द्वारा दी गई गाइड लाइन व संजय गांधी पीजीआई द्वारा तैयार किए गए दिशा-निर्देशों को समाहित कर तैयार किया गया है। इसके तहत ओपीडी में मरीजों की संख्या कम करने, डायग्नोस्टिक, सैंपल कलेक्शन व आइसोलेशन वार्ड इत्यादि से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। 24 राजकीय मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए 483 आइसोलेशन बेड और 27 निजी मेडिकल कॉलेजों में 383 आइसोलेशन बेड तैयार किए गए हैं। इस तरह कुल 866 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है। वहीं पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई), रीजेंट, मास्क, थर्मल स्कैनर व अन्य उपकरणों की व्यवस्था की गई है।