योगी के तीन साल: कभी भगवामय हुआ यूपी तो कभी बदले गए शहरों के नाम, इन बड़े फैसलों के नाम रहा योगी के 3 साल का कार्यकाल

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 मार्च को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने वाले हैं। सीएम योगी के साथ ये दिन भाजपा के लिए भी ऐतिहासिक होगा क्योंकि आज से पहले भाजपा का कोई भी मुख्यमंत्री लगातार तीन साल तक राज्य की सत्ता पर काबिज नहीं हो पाया था। लेकिन ये असंभव का काम योगी आदित्यनाथ ने अपने निर्णयों और अपनी कार्यशाली के दम पर कर दिखाया। योगी आज से तीन साल पहले जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए, तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि आज उनका नाम देश के कई बड़े राजनेताओं की सूची में शुमार हो जाएगा।

सीएम बनने के बाद पिछले तीन वर्षों में योगी आदित्यनाथ ने तमाम बड़े और कड़े फैसले लिए। इन फैसलों ने उत्तर प्रदेश की तस्वीर तो बदल कर रख ही दी लेकिन साथ ही योगी के प्रति भी हर किसी का नजरिया भी पूरी तरह से बदल कर रख दिया। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और देश के इस सबसे बड़े सूबे की उन्नति के लिए योगी ने कई अहम फैसले लिए। इन तीन वर्षों में कई अपराधियों के एनकाउंटर भी हुए तो योगी सरकार द्वारा कई बड़ी घटनाओं के खिलाफ लिए गए तुरंत फैसलों ने भी लोगों के होश उड़ा कर रख दिए। आइए नजर डालते हैं इन तीन सालों में सीएम योगी द्वारा लिए गए बड़े फैसलों पर।

गुंडागर्दी के खिलाफ एक्शन

अगर योगी सरकार के पिछले तीन साल के सबसे सराहनीय काम की बात करें तो उसमें गुंड़ागर्दी पर कसी गई लगाम सबसे ऊपर शामिल है। कभी लूटपाट और चोरी के दाग में सनी यूपी में आज अपराध काफ़ी कम हो चला है। कट्टेबाजी और बमबाजी के लिए उत्तर प्रदेश एक अरसे से बदनाम रहा है। हर सरकार के राज में बदमाशों की तूती बोलती थी। लेकिन य़ोगी के सीएम बनने के बाद यही बंदूकबाज और बदमाश जेल से बाहर आने में भी कतराते हैं। मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने यूपी की छवी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया।

अपराधियों के खिलाफ पुलिस को दी खुली छूट

उत्तर प्रदेश की पुलिस की सच्चाई आज तक किसी से छिपी नहीं थी। देश के सबसे बड़े राज्य की पुलिस का लचर रवैया अकसर चर्चा में रहा है। लेकिन योगी सरकार के बाद पुलिस को वो अधिकार मिले जिससे वह हमेशा से वंचित थे। योगी सरकार की ओर से राज्य में बिगड़ी कानून-व्यवस्था और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस को खुली छूट दी गई। जिसके बाद पूरे उत्तर प्रदेश में कई एनकाउंटर हुए और अपराध में काफी कमी आने लगी।

एंटी रोमियो स्कवॉड

एंटी रोमियो स्कवॉड योगी सरकार के कार्यकाल का वो निर्णय था जिसे सालों तक याद रखा जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए मनचलों के खिलाफ कार्रवाही करने के लिए योगी सरकार के आदेश पर हर जिले में एंटी रोमियो दस्ते बनाए गए। 21 मार्च 2017 को एंटी-रोमियो स्क्वॉड बनाने के आदेश जारी किए गए थे। इस दस्ते में 1 इंस्पैक्टर समेत 4 कॉंस्टेबल की एक टीम थी जो मनचलों के खिलाफ अपने ही अंदाज में कार्यवाही करती थी।

हर चीज में दिखा भगवा रंग

यूपी में योगी राज के आने के बाद हर चीज योगी के रंग में रंगती चली गई। राज्य में योगी सरकार आने के साथ ही सबकुछ भगवामय होता नजर आया। सीएम आवास की तमाम चीजों को भगवा कर दिया गया। भाईदूज पर महिलाओं के लिए जारी की गई बसों को भी पूरी तरह से भगवा कर दिया गया था। हालाँकि इसकी काफ़ी आलोचना भी हुई थी। लेकिन फिर भी उत्तर प्रदेश के लोगों में इसको लेकर कोई ख़ास आपत्ति देखने को नहीं मिली।

बदले गए शहरों के नाम

3 सालों में कई बड़े शहरों के नाम बदलना भी योगी सरकार के अहम फैसलों में से एक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 अक्टूबर 2018 को यूपी के मशहूर शहर इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया। फैजाबाद जिले को अयोध्या का नाम दिया गया। जबकि इलाहाबाद मंडल का नाम बदल कर प्रयागराज मंडल किया गया।

बूचड़खानों पर कसा शिंकजा

योगी सरकार के आने के बाद अवैध रुप से चल रहे बूचड़खानों पर भी नकेल कसी गई। गौ हत्या को रोकने की तर्ज पर सरकार ने प्रदेश के सभी अवैध बूचड़खानों को बंद कराया।

उत्तर प्रदेश रिकवरी पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसी भी कानून के खिलाफ प्रदर्शन को, आगजनी और दंगो का रूप देने वाले उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए 13 मार्च 2020 को हुई कैबिनेट मीटिंग में उत्तर प्रदेश रिकवरी पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश पारित किया गया। इस अध्यादेश के तहत सरकारी संपत्ती को नुकसान पहुंचाने वाले से ही संपत्ती की भपराई की जाएगी।

दीवारों पर लगे प्रदर्शनकारियों के पोस्टर

CAA और NRC को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद कुछ ऐसा देखने को मिला जो आज से पहले कभी किसी राज्य में नहीं हुआ। हिंसा मामले में आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए लखनऊ में प्रशासन के द्वारा विभिन्न चौराहों पर 57 कथित प्रदर्शनकारियों के लगभग सौ पोस्टर लगवाए गए। इन सभी पोस्टर्स में दंगो में शामिल लोगों की तस्वीर के साथ उनके हिस्से की रकम भी लिखी गई।

Image Source: Tweeted by @CMOfficeUP

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