वर्ल्ड किडनी डे पर निःशुल्क जाँच शिविर का हुआ आयोजन

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जहानाबाद । वर्ष के प्रत्येक 12 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है एवं लोगों के बीच किडनी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस दिन विश्व किडनी डे का एक थीम सॉन्ग भी निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष का थीम सॉन्ग है; किडनी हेल्थ फॉर एवरीवन और एवरीव्हेयर।

आज वर्ल्ड किडनी डे पर प्राइवेट अस्पताल भी लोगों के बीच इससे सम्बंधित जागरूकता फैलाता नज़र आया। इसी क्रम में नेस्टिवा हॉस्पिटल के द्वारा बिहार के प्रत्येक ज़िले में निशुल्क गुर्दा जांच शिविर का आयोजन किया गया। बातचीत के क्रम में एम्स नेफ्रोलॉजी के पूर्व हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर प्रोफेसर एससी तिवारी ने बताया कि इस जांच शिविर का उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता को फैलाना है। आज जिस तेजी से किडनी की समस्या से लोग ग्रसित होते जा रहे हैं ऐसे में उन्हें इसके प्रति सावधानी बरतने की जरुरत है। सीनियर कंसलटेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर राजेश अग्रवाल के अनुसार देश में औसतन 14% महिलाएं और 12% पुरुष किडनी की समस्या से पीड़ित हैं। भारत में यह संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। एक आँकड़े के अनुसार हर साल क़रीब दो लाख लोग इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। शुरुआती अवस्था में बीमारी को पकड़ पाना थोड़ा मुश्किल है। 60 प्रतिशत गुर्दा खराब होने के बाद ही मरीज को इसका पता चलता है। खासकर महिलाओं में किडनी से सम्बंधित रोग ज्यादा दिखाई दे रहे हैं।

आंकड़ों की माने तो पूरे विश्व में क़रीब 6 लाख महिलाओं की मौत ख़राब किडनी की वजह से हो जा रही है। रिनल ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ सुदीप सिंह के अनुसार खराब खानपान की आदतों के अलावा नियमित रूप से दर्द निवारक दवाओं का सेवन भी इस रोग की एक बड़ी वजह है। ऐसे में लापरवाही बरतना नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे ग्रसित लोगों को पेशाब की मात्रा कम होना, लगातार उल्टी होना, भूख नहीं लगना, थकान और कमजोरी जैसी शिकायतें का सामना करना पड़ता है।

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