दौसा। जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा है कि दौसा जिला चिकित्सालय जिले के लिहाज से बहुत अच्छा है, लेकिन रैफर के केसों को कम करने की जरूरत है। जयपुर पास में है इसका मतलब यह नहीं कि केस रैफर किए जाएं। जांच की जो सुविधाएं जरूरी हैं उन्हें यहीं उपलब्ध कराया जाए, ताकि मरीजों को राहत मिल सके। चिकित्सक मरीजों को रैफर करने की मानसिकता से बच कर रहें। वे शनिवार को यहां कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में मौजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आयुर्वेद विभाग और नगर परिषद के अधिकारी भी मौजूद थे।
उन्होंने बैठक में कोरोना वायरस के बचावों के बारे में जानकारी दी और लोगों को इससे प्रभावित होने से कैसे बचाया जा सके, इस विषय पर भी वार्तालाप किया।स्क्रब टायफस के मरीजों को जयपुर रैफर करने की बात पर उन्होंने कहा कि जयपुर की मानसिकता को छोडना होगा। इससे तो अच्छा है जांच के लिए मशीन यहीं खरीदी जाए और मरीजों को राहत दी जाए। जिला कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी बैरवा से मीजल्स-रूबेला अभियान और नियमित टीकाकरण की प्रोग्रेस के बारे में भी जानकारी ली और वंचित बच्चों का टीकाकारण शीघ्र करवाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रधानाध्यापकों से मीजल्स-रूबेला टीका लगवाने से वंचित रह गये बच्चों को भी टीका लगाये जाने पर ज़ोर दिया ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य अर्जित किया जा सके।
इसके अलावा उन्होंने संस्थागत प्रसवों की संख्या बढाने, अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए भी विभाग के कर्मचारियों को प्रेरित किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी बैरवा ने कहा कि फील्ड में जाना जरूरी है, तभी सुधार हो सकता है। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरपी मीणा ने बताया कि मीजल्स-रूबेला अभियान की उपलब्धि बहुत अच्छी है, लेकिन नियमित टीकाकरण की उपलब्धि पर इसका असर पडा है। दोनों का लक्ष्य शत प्रतिशत करना जरूरी है। बैठक में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुभाष बिलोनिया, चिकित्सा विभाग के समस्त बीसीएमओ, समस्त सीएचसी और पीएचसी प्रभारी भी मौजूद रहे।