जयपुर । देश में लगातार कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इटली के पर्यटक की पत्नी की रिपोर्ट कोरोना वायरस से पॉजिटिव आने के बाद इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 31 पहुंच गई है। जयपुर में प्रारंभिक तौर पर पर्यटक की पत्नी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद पुणे की लैब में उसके सैंपल भेजे गए थे और पुणे की लैब से भी उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो जबरदस्त वायरल हो रहा है। इस वीडियो में राजस्थान सरकार के कोरोना वायरस से निपटने के लिए बदइंतजामी के हालात का खुलासा हुआ है। वायरल हो रहे इस वीडियो में इटली से आई कोरोना संदिग्ध सवाई मानसिंह अस्पताल के परिसर में खुल्ले में घूमती नजर आ रही है। कोरोना संदिग्ध को खुल्ले में घूमते देख सैकड़ों छात्र और मरीजों ने इसका विरोध किया। इसके बाद वो महिला अस्पताल के अंदर गई। इसके बाद से ही चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर कई प्रकार से आरोप लगने शुरू हो गए है। इस घटना को देखकर चिकित्सा मंत्री के विभाग का आइसोलेशन का सच एक बार फिर सामने आया है। संदिग्ध मरीजों को इसलिए आइसोलेशन वाॅर्ड में रखा जाता है कि वे दूसरों के संपर्क में न आएं, लेकिन आरयूएचएस में संदिग्ध मरीज रात को अस्पताल परिसर में घूमते नजर आए। आरयूएचएस के पास ही करीब 500 स्टूडेंट, दो अस्पताल व घनी आबादी है। ऐसे में उनमें भी संक्रमण का खतरा पैदा हो गया।
आइसोलेशन में 8 घंटे बाद मिला पानी सरकार और चिकित्सा विभाग व आरयूएचएस की ओर से किए गए बंदाेबस्त का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिन संदिग्धों को आइसोलेट किया गया है उन्हें 8 घंटे बाद तो पानी मिल सका। संदिग्धों के वाॅर्ड में मच्छर ही मच्छर हैं। वे रात को सो नहीं सके। किसी चीज की जरूरत हो तो कोई सुनने वाला नहीं होता। गार्ड पास में नहीं रहते। किसी से कुछ मंगाने नहीं देते। संदिग्धों ने कहा कि वॉशरूम में हाथ धोने के लिए पानी तक नहीं है।