उत्तर प्रदेश में लगातार संस्कृति को पुनर्जीवित करने का काम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है। इसी कारण प्रदेश के कई जिलों का नाम भी सरकार ने बदला है। जिनमें अयोध्या और प्रयागराज का नाम प्रमुख रूप से शामिल होता है। लेकिन अब खबर आ रही है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश की सरकार एक और जिले का नाम बदल सकती है। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बदायूं की सहसवान विधानसभा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “बदायूं को पहले वेदामऊ के नाम से जाना जाता था। यह वैदिक अध्ययन का केंद्र था और यह दुनिया की सबसे उपजाऊ भूमि है।”
हालांकि कुछ समय पहले तक ऐसी कोई भी चर्चा नहीं हो रही थी। लेकिन मंगलवार को योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद स्थानीय नेता हरकत में आ गए हैं। एक स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के नेता रचित सभरवाल ने कहां है कि हम अब बदायूं का नाम बदलने की औपचारिक मांग रखेंगे। हमने तैयारी शुरू कर दी है और इतिहास से पक्षियों को भी खोज रहे हैं। हमें उम्मीद है कि चुनाव से पहले प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार बदायूं का नाम अहीर राजकुमार बुद्ध के नाम पर पड़ा था। प्रो. गोटी जॉन के अनुसार, एक प्राचीन शिलालेख में इस शहर का नाम ‘बेदामूथ’ रखा गया और इस क्षेत्र को पांचाल कहा जाता था। शिलालेख पर लिखी पंक्तियों के अनुसार नगर के निकट एक ग्राम ‘भदौनलक’ था। एक मुस्लिम इतिहासकार रोज खान लोधी ने कहा कि यहां अशोक-द ग्रेट ने एक बौद्ध विहार और एक किला बनवाया और इसका नाम बुद्धमऊ रखा। अलीगढ़ और सुल्तानपुर के नाम बदलने की चर्चा है तो पहले से ही चल रही थीं। लेकिन आप बदायूं के नाम बदलने की चर्चा भी सामने आ रही है। देखना यह होगा कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार बदायूं का नाम बदलने का फैसला लेती है या नहीं।