लखीमपुर मामले को लेकर देश के सभी विपक्षी दल योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। मामले को संजीदगी से लेते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस मामले की जांच करा रही है। वहीं पीड़ित परिवारों को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की घोषणा भी सरकार की ओर से कर दी गई है। इस पूरी घटना के सहारे उत्तर प्रदेश की सभी विपक्षी पार्टियां अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है। इसीलिए सभी पार्टियों का राजनीतिक दौरा लखीमपुर की ओर चल पड़ा है। कांग्रेस पार्टी की प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और प्रदेश में राजनीतिक कार्ड खेल दिया।
लखीमपुर खीरी की घटना पर प्रशांत कुमार, ADG (क़ानून-व्यवस्था) ने बताया कि राज्य सरकार का स्पष्ट निर्देश था कि किसी भी कीमत पर दोषियों को बख्शा न जाए और पूरे पारदर्शी तरीक से कार्रवाई की जाए। वहीं उन्होंने आगे इस बात की पुष्टि की है कि अब लखीमपुर खीरी में 5-5 के ग्रुप में लोगों को जाने की अनुमति दे दी गई है। राज्य सरकार का उद्देश्य हर हाल में शांति व्यवस्था बनाए रखना है।
नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति
आपको बता दें मंगलवार (5 अक्टूबर, 2021) को दिल्ली से लखनऊ आए भूपेश बघेल को पुलिस ने एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया था और उन्हें वापस दिल्ली लौटना पड़ा था। वहीं राहुल के लखनऊ पहुँचने से पहले ही कई जगह पोस्टर लगे हैं जिसमें राहुल और प्रियंका गाँधी के लखीमपुर जाकर सिख परिवारों व मारे गए किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करने को फर्जी सहानुभूति बताया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरदार त्रिलोचन सिंह और सटल सिंह मीत की तरफ से लगाए गए इन पोस्टर्स में 1984 के सिख दंगों का जिक्र करते हुए कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधियों का विरोध शुरू हो गया है। पोस्टर में लिखा है, “1984 के सिख दंगों के जिम्मेदारों से लखीमपुर खीरी के किसानों को फर्जी सहानुभूति नहीं चाहिए।” वहीं दूसरे पोस्टर में लिखा है, “1984 सिख दंगों के जिम्मेदार सिखों के जख्मों पर नमक न डालें।”
सरकार की ओर से प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने राहुल गाँधी के लखनऊ दौरे को लेकर कहा कि लखीमपुर खीरी आपको जाना है तो कुछ दिन बाद चले जाइएगा। आप दुखी परिवारों से मिलें, इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन माहौल बिगाड़ने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
इतिहास गवाह है कि इस आज़ाद देश में अगर सरदारों पर नरसंहार हुआ है तो वह कांग्रेस के शासनकाल में हुआ है और इमरजेंसी लगाकर किया गया है। ये भूल जाते हैं जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी तो नरसंहार सरदारों पर हुआ था, सिख समुदाय पर किया गया था: सिद्धार्थ नाथ सिंह, मंत्री, उत्तर प्रदेश pic.twitter.com/5tl1piDQxG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 6, 2021
उन्होंने आगे कहा कि हम चीजों को नियंत्रण में रखने के लिए काम कर रहे हैं और जल्द ही राजनीतिक नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति देंगे, लेकिन फिलहाल जो जरूरी है वही किया जा रहा है। योगी सरकार दोषियों को गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की माँगे मान ली हैं। मृतकाश्रित को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जा रही है।
लखीमपुर आपको जाना है कुछ दिन बाद चले जाइएगा। आप दुखद परिवारों से मिलें इसमें कोई आपत्ती नहीं है लेकिन माहौल बिगाड़ने के लिए ईजाज़त नहीं दी जाती और यह क़ानून के तहत कार्रवाई हो रही है: विपक्षी दलों द्वारा लखीमपुर खीरी जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह pic.twitter.com/DODF5W1cam
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 6, 2021