लेह में लहराया गया हाथ से बना भारत का सबसे बड़ा तिरंगा, जानिए किस ने किस अंदाज में बापू और शास्त्री जी को दी श्रद्धांजलि

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी के जन्म दिवस पर आज लेह में भारत के सबसे बड़े हाथ से बनाए गए तिरंगे को फहराया गया है। आपको बता दें कि ये झंडा 225 फीट लंबा, 150 फीट चौड़ा और इसका वजन लगभग 1400 किलोग्राम है।

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आज भारत के बापू मोहनदास करमचंद गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिन है। पूरा देश आज इसका जश्न मना रहा है और अलग-अलग तरह से लोग अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि लेह में हाथ से बनाए हुए भारत के सबसे बड़े तिरंगे को फहराया गया है। इसको लेह में जांस्कर घाटी में लगाया गया है। खादी से बना ये तिरंगा मुंबई की एक प्रिंटिंग कंपनी के सहयोग से तैयार किया गया है। मुंबई की कंपनी केवीआईसी ने दुनिया का ये सबसे बड़ा खादी का राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया है। केवीआईसी ने “आजादी का अमृत महोत्सव” के हिस्से के रूप में इस राष्ट्रीय ध्वज की अवधारणा को तैयार किया। आपको बता दें कि ये झंडा 225 फीट लंबा, 150 फीट चौड़ा और इसका वजन लगभग 1400 किलोग्राम है। ध्वज को सुरक्षाबलों ने देश भर के ऐतिहासिक स्मारकों और रणनीतिक स्थानों पर प्रदर्शित करने का प्लान तैयार किया है। तिरंगे को संभालने और प्रदर्शित करने के लिए ध्वज को भारतीय सेना को सौंपा गया था। इस तिरंगे को बनाने के लिए 4500 मीटर खादी के कपड़े का इस्तेमाल हुआ है। ये तिरंगा कुल 37,500 वर्ग फुट के क्षेत्र को कवर करता है। राष्ट्रीय ध्वज को तैयार करने में 70 कारीगरों को 49 दिन लगे हैं।

आपको बता दें कि सबसे बड़े तिरंगे के अनावरण और गांधी जयंती के कार्यक्रम के मौके पर आर्मी चीफ एमएम नरवणे और लद्दाख के उपराज्यपाल मौजूद रहे थे। ये तिरंगा 8 अक्टूबर को एयरफोर्स डे के मौके पर हिंडन में भी लगाया जाएगा। जांस्कर कारगिल जिले की एक तहसील है जो कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मौजूद है और कारगिल से 250 किलोमीटर दूर एनएच 301 पर है। ये घाटी लद्दाख से करीब 105 किलोमीटर दूर है। वहीं जांस्कर रेंज लद्दाख की एक पर्वत श्रृंखला है।

भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने सबसे पहले राजघाट जाकर भारत के राष्ट्रपति का महात्मा गांधी को नमन किया। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उनकी स्मृति को नमन। वे देश के एक महान सपूत थे जिन्होंने पूर्ण निष्ठा, समर्पण तथा लगन के साथ राष्ट्र की सेवा की। उनकी सादगी, सदाचार और सत्यनिष्ठा आज भी सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर उन्होंने बापू को याद किया। और ट्विटर पर लिखा-गांधी जयंती के दिन बापू को श्रद्धांजलि। यह दिन हमारे लिए गांधीजी के संघर्ष और त्‍याग को स्‍मरण करने का अवसर है। आइए, हम सब उनकी शिक्षाओं, आदर्शों और जीवन-मूल्‍यों का अनुसरण करते हुए यह संकल्‍प लें कि हम सब उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में सतत प्रयत्‍नशील रहेंगे।

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