बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग संपन्न हुई। इस मीटिंग में राष्ट्र और राष्ट्र के नागरिकों से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए। आपको बता दें कि इस मीटिंग में 8 मिनट पर स्वस्थ भारत योजना पर मोहर लगाई गई। इस योजना के माध्यम से देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस योजना की कुल लागत 64000 करोड़ रुपए है। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के बजट में इस योजना को लॉन्च करने का ऐलान किया था। पिछले साल आई कोरोना महामारी के बाद से ही देश के स्वास्थ्य ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिले जिसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 के लिए स्वास्थ्य बजट 2.23 लाख कर दिया गया। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 137 फीसदी की बढ़ोतरी थी।
क्या है स्वस्थ भारत योजना?
‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ के लिए 64,180 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं। इन रुपयों का इस्तेमाल देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने तथा देखभाल प्रणालियों की क्षमता को बढ़ाने में किया जाएगा। इसके साथ ही साथ इस योजना के जरिए देश के 70 हजार गांवों के वेलनेस सेंटर्स को मदद पहुंचाई जाएगी। साथ ही साथ देश के 602 जिलों में क्रिटिकल केयर अस्पताल खोले जाएंगे। आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को भी मजबूत किया जाएगा।
इस योजना के तहत क्या सुधार होंगे?
‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ के तहत 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों मे केयर हॉस्पिटल ब्लॉक की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की 5 क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को व्यवस्थित किया जाएगा। कहा का रहा है कि देश भर में 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और 2 मोबाइल अस्पताल की स्थापना की जाएगी। साथ ही साथ सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार भी किया जाएगा।