भारत में हर दिन कोई ना कोई विवाद सामने आता रहता है। भारत की स्वतंत्रता के 75वें साल के जश्न के लिए जारी पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर को शामिल नहीं करने को लेकर लगातार विपक्षी पार्टियों के भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आइसीएचआर) की आलोचना की जा रही है। हालांकि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर विवाद गैरजरूरी है। आने वाले दिनों में जारी होने वाले पोस्टरों में नेहरू की तस्वीर होगी। आइसीएचआर के एक शीर्ष अधिकारी ने इस मुद्दे पर आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में हम किसी की भूमिका को कमतर करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। जिस पोस्टर को लेकर विवाद हुआ है, वह आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत जारी होने वाले कई पोस्टरों में से एक है। आइसीएचआर शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था है। आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत स्वतंत्रता संग्राम थीम पर व्याख्यानों और संगोष्ठियों की श्रृंखला चला रहा है।
आइसीएचआर के अधिकारी ने कहा, आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत यह केवल एक पोस्टर है, जिसे जारी किया गया है। इस तरह के कई अन्य पोस्टर होंगे और उनमें नेहरू भी होंगे। इस मुद्दे पर विवाद गैरजरूरी है। आपको बता दें कि विपक्षी पाíटयों ने देश के पहले प्रधानमंत्री की तस्वीर पोस्टर में नहीं होने पर सरकार की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि ऐसा जान-बूझकर किया गया है। जयराम रामेश, शशि थरूर और पवन खेड़ा सहित तमाम कांग्रेस नेताओं ने इंटरनेट मीडिया पर आइसीएचआर की वेबसाइट का स्क्रीनशाट साझा करते हुए आई सी एच आर की आलोचना की है। इसमें महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, भीमराव आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय और वीर सावरकर की तस्वीर दिखाई दे रही है, लेकिन नेहरू की तस्वीर गायब है।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने रविवार को आइसीएचआर की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि वह नफरत और पूर्वाग्रह के आगे झुक गई है। उन्होंने पूछा की क्या मोटर कार के आविष्कार का जश्न मनाने के दौरान हेनरी फोर्ड को या हवाई जहाज के आविष्कार का जश्न मनाने के दौरान राइट बंधुओं को भूला जा सकता है।