आप सभी के पास जानते हैं कि जब भारत पर मुगलों ने आक्रमण किया, तो भारत के बहुत सारे प्राचीन नगरों का नाम बदल कर उन्होंने उन नगरों को कुछ और ही नाम दे दिये गए थे। जैसे प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद किया गया था। लेकिन उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार लगातार प्रदेश के सांस्कृतिक नगरों को उनका नाम लौटाने का काम कर रही है। इसी श्रृंखला में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया। और अब ये निर्णय लिया जा रहा है कि अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ कर दिया जाए। इस संबंध में सोमवार (16 अगस्त 2021) को नवगठित जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया। नाम बदलने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा गया है।
आपको बता दें कि अलीगढ़ जिले का नाम बदलकर हरिगढ़ रखने का मुद्दा नया नहीं है। इससे पहले 1992 में पूर्व सीएम कल्याण सिंह ने भी अलीगढ़ का नाम बदलने की काफी कोशिश की थी लेकिन उस दौरान केंद्र में कॉन्ग्रेस की सरकार होने के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसके अलावा साल 2015 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने हरिगढ़ नाम रखने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। इससे पहले अक्टूबर 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। इसका प्राचीन नाम प्रयागराज ही था। सीएम योगी ने प्रयागराज नाम रखने का समर्थन करते हुए कहा था कि जहाँ दो नदियों का संगम होता है, उसे प्रयाग कहा जाता है। उत्तराखंड में भी ऐसे कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग स्थित है। इसके अलावा फैजाबाद का भी नाम बदला गया है। और अब ये नया फैसला उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक इतिहास के लिए एक बड़ा उपहार साबित होगा।