अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू कश्मीर की हालत में बहुत सुधार हुआ है। पिछले लगभग डेढ़ सालों में लगातार विकास और मुद्दों की बात जम्मू कश्मीर का युवा कर रहा है। जम्मू कश्मीर की जो जनता आतंकवादियों के साथ खड़ी होती थी वह आज भारत के विकास में योगदान देने के लिए तैयार है। इसी बीच केंद्र सरकार ने संसद में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर अहम बयान दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से संसद में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर में स्थितियां सामान्य होने पर केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सही समय आने पर इसका फैसला लिया जाएगा। उन्होंने शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की ओर से पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक बार हालात सामान्य हो जाएं, फिर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा प्रदान किया जाएगा।
इसके अलावा सांसद सस्मित पात्रा की ओर से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर पूछे गए सवाल को लेकल भी नित्यानंद राय ने उत्तर दिया है। गृह राज्य मंत्री ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 2019 के मुकाबले 2020 में 59 फीसदी तक कमी देखने को मिली है। नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार की आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अब सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन प्रभावी हुआ है। बड़ी संख्या में जम्मू कश्मीर से आतंकवादियों को खत्म किया गया है। इसके अलावा कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को लेकर होम मिनिस्ट्री ने बताया कि फिलहाल घाटी में कश्मीरी पंडितों और डोगरा हिंदुओं के 900 परिवार रह रहे हैं।