यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल हुआ तेलंगाना का यह शिवालय, इमारत की मजबूती पर वैज्ञानिकों को भी हो रही है हैरानी

25 जुलाई 2021 को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की उपाधि तेलंगाना के काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर को मिल गई है। काकतीय वंश के दौरान बना यह मंदिर वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रहा है।

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सारी दुनिया जानती है कि विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति है सनातन संस्कृति। जब दुनिया के पास सभ्यता के नाम पर कोई चीज नहीं थी उस समय भी हमारे देश में लोग वेदों का अध्ययन कर रहे थे। आज भी हमारे देश में स्थापित प्राचीन मंदिर हमारी संस्कृति के आधार बने हुए हैं। कहा जाता है सत्य को कितना भी छुपाया जाए परंतु सत्य एक न एक दिन सामने आ ही जाता है। भारत की संस्कृति को छुपाने का प्रयास लगातार किया गया और हमेशा मुगलों की बनाई हुई इमारतों को ही भारत की पहचान बताया गया। लेकिन पिछले कुछ सालों में बड़ा परिवर्तन हुआ है और लोग अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं। हम सब को भी पता चल रहा है कि हमारे मंदिर और हमारी इमारत है वास्तव में अद्भुत है और अब इनकी विशेषताओं को विश्व के वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया है।

इसी कड़ी में 25 जुलाई 2021 को तेलंगाना के काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की उपाधि प्रदान की गई। कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण काकतीय वंश के राजाओं के द्वारा हुआ था। यह भी माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण तेरहवीं सदी में हुआ था। समय के बदलने के साथ-साथ पुराने मंदिर खंडहर हो गए परंतु यह मंदिर आज भी वैसा ही है। इसी कारण इस मंदिर में शोध का कार्य कराया गया और बाद में पता चला कि इस मंदिर की छत में ऐसा पत्थर लगा है जो पानी में डूबने की वजह तैरता है। यह पत्थर हल्के होने के साथ-साथ इतने मजबूत कैसे हैं इस बात को लेकर अभी भी शोध किया जा रहा है?

कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मंदिर का निर्माण राजा गणपति देव के सेनापति ने कराया था। सेनापति चाहता था कि एक ऐसा मजबूत मंदिर बने जो भगवान शिव को समर्पित हो। जब यह भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ तो सेनापति शिल्पकार से बेहद प्रभावित हुआ। इसीलिए उन्होंने इस मंदिर का नाम शिल्पकार के नाम पर रामप्पा रख दिया।

जानिए कैसे होता है वर्ल्ड हेरिटेज साइट का चयन?

वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स के चयन के लिए वर्ल्ड हेरिटेज साइट कमेटी बनी हुई हैं जिसमे कुल 21 देशों को अस्थायी सदस्य्ता दी जाती हैं। एक देश को ज्यादा से ज्यादा 6 साल के लिए इस कमेटी में सदस्य रखा जाता हैं उसके बाद उस देश की जगह दूसरे देश को लिया जाता हैं। इस बार भारत इसका सदस्य नहीं था। इन 21 देशों को चुनी हुई साइट के लिए वोट करना होता हैं। रामप्पा मंदिर के लिए 21 देश में से 17 देशों ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट के लिए वोट देकर समर्थन जताया ,जिनमे चीन, थाईलैंड, ब्राजील, रूस आदि देश शामिल थे और इस तरह इस मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज चुना गया। इसकी जानकारी के लिए मोदी जी ने ट्वीट किया -”उत्कृष्ट ! सभी को बधाई, खासकर तेलंगाना की जनता को। प्रतिष्ठित रामप्पा मंदिर महान काकतिया वंश के उत्कृष्ट शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता हैं। मैं आप सभी से इस शानदार मंदिर के परिसर में जाने एवं इसकी भव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का आग्रह करता हूं।”

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