साल 2020 के शुरुआती कुछ दिनों के अंदर ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को एक और बड़ी कामयाबी मिल गयी है। भारतीय समयानुसार शुक्रवार रात 2:15 बजे ISRO ने फ्रेंच गुआना के कौरू स्थित स्पेस सेंटर से जीसैट-30 (GSAT-30) को यूरोपियन रॉकेट एरियन 5-VA 251 की मदद से लॉन्च किया। यह सैटेलाइट दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर कौरो के एरियर प्रक्षेपण तट से छोड़ा गया। 2019 में चंद्रयान 2 को लेकर चर्चा में रहने वाले इसरो का 2020 में जीसैट-30 पहला मिशन था। लॉन्च के करीब 40 मिनट बाद जीसैट-30 कक्षा में स्थापित हो गया। इस बात की जानकारी ISRO ने ट्विटर के जरिये दी।
ISRO ने जानकारी देते हुए बताया कि जीसैट-30 (GSAT-30) इनसैट-4 A की जगह लेगा। इसकी कवरेज क्षमता काफी ज्यादा होगी। यह सैटेलाइट देश की संचार प्रौद्योगिकी में कई बड़े बदलाव लाएगा। यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में 15 साल तक काम करेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि इस सैटेलाइट से भारत में संचार क्रांति आएगी। ISRO के मुताबिक सैटेलाइट का इस्तेमाल व्यापक रूप से वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंकिंग, टेलीपोर्ट सेवाएं, डिजिटल सैटलाइट खबर संग्रहण (डीएसएनजी), डीटीएच टेलीविजन सेवाओं के साथ जलवायु परिवर्तन को समझने और मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाएगा।