भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल भी किया पूरा, कोरोना के मरीजों पर 77.8% प्रभावी

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल भी किया पूरा कर लिया है। यह ट्रायल 130 लोगों पर किया गया था। अब इस वैक्सीन को 77.8% लोगों पर प्रभावी बताई जा रही है।

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भारत बायोटेक ने को वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल भी पूरा कर लिया है। भारत बायोटेक की इस उपलब्धि के बाद अब कोरोना संक्रमण से लड़ना भारत वासियों के लिए थोड़ा आसान हो जाएगा।यह ट्रायल 130 लोगों पर किया गया था। ट्रायल के पश्चात इस वैक्सीन को 77.8% लोगों पर प्रभावी देखा गया। जो लोग कोरोना संक्रमण से गंभीर रूप से ग्रसित हैं उनके लिए ये वैक्सीन 93.4 % प्रभावी पाई गई है। प्री-प्रिंट डेटा का हवाला देते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि उसकी कोवैक्सीन सिम्पटोमैटिक कोरोना मरीजों के खिलाफ 77.8 फीसदी कारगर है। वहीं, कोवैक्सिन कोरोना के गंभीर मरीजों के खिलाफ 93.4 फीसदी प्रभावी है। वहीं, कोरोना के डेल्ट वेरिएंट्स के खिलाफ यह 65.2 फीसदी कारगर है। भारत बायोटेक ने 130 कोरोना के पुष्ट मामलों पर ये ट्रायल किया है।

कंपनी ने कहा कि असिम्पटोमैटिक कोरोना मरीजों के खिलाफ कोवैक्सिन 63.6% असरदार है। कोवैक्सीन का ट्रायल देश के 25 अलग-अलग अस्पतालों में किया गया था। इसमें करीब 25800 वॉलंटियर्स शामिल हुए थे, जो 18 से 98 साल के आयु वर्ग के थे। तीसरे चरण के ट्रायल में भाग लेने वाले लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गई यानी प्लास्बो दी गई। एनआईएच ने बताया कि कोवैक्सीन लेने वाले लोगों के ब्लड सीरम के अध्ययन से यह पता चलता है कि टीके से जो एंटीबॉडीज बनती हैं, वह ब्रिटेन और भारत में सबसे पहले मिले कोरोना के B.1.1.7 (अल्फा) और B.1.617 (डेल्टा) वेरिएंट्स पर असरदार है।

जानिये किस मामले में कितनी असरदार है कोवैक्सीन।

असिम्पटोमेटिक केस: 63% असरदार
हल्के, मध्यम और गंभीर मामले: 78% असरदार
डेल्टा वेरिएंट: 65% असरदार
गंभीर कोरोना केस: 93% असरदार

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