IPS के 72 वें बैच के अधिकारियों को वीडियो लिंक के जरिये संबोधित करते हुए शाह ने कहा, पुलिस पर लगने वाले कार्रवाई न करने या अतिरेक कार्रवाई करने के आरोपों से अलग हटकर, पुलिस को सही और जरूरी कार्रवाई करने वाली छवि विकसित करना चाहिए। सही और जरूरी कार्रवाई का मतलब स्वाभाविक कार्रवाई होती है, जो हर किसी की समझ में आ जाती है। पुलिस कानून जानती है, इसलिए वह उसके दायरे में रहते हुए सही लगने वाला कार्य कर सकती है। इसलिए अपनी छवि को बेहतर बनाने का कार्य खुद पुलिसकर्मी ही कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि वे समय पड़ने पर इंटरनेट मीडिया से जानकारी तो प्राप्त करें लेकिन उसका हिस्सा ना बने।
आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के साथ संवाद किया।
पुलिस की छवि में सुधार के लिए 'संवाद व संवेदना' दोनों जरुरी है। इसलिए सभी पुलिसकर्मियों को संवेदनशील बनने के साथ ही जनता के साथ संवाद और जनसंपर्क बढ़ाने की आवश्यकता है। pic.twitter.com/KyBAa3AzOA
— Amit Shah (@AmitShah) July 1, 2021
गृह मंत्री ने ये भी कहा, संवाद और संवेदनशीलता, ऐसे मूल बिंदु हैं जिनको व्यवहार में लाकर पुलिस अपनी छवि को बेहतर बना सकती है। इसलिए सभी पुलिसकर्मियों को जनता से अपना संवाद बढ़ाना चाहिए। उनके बीच पैठ स्थापित करनी चाहिए। इससे अपराध भी रुकेंगे और अपराधी भी बच नहीं पाएंगे। क्योंकि जनसंपर्क के बगैर किसी अपराध को करने वाले को ढूंढ़ पाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को चाहिए कि वे तहसील और ग्राम स्तर पर जाकर लोगों से मिलें, उनका विश्वास प्राप्त करें। एसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारी ग्रामीण इलाकों में जाकर रात गुजारें। लेकिन आइपीएस समेत अखिल भारतीय सेवाओं से जुड़े सभी अधिकारी प्रचार से भी दूर रहें, इससे वे बेहतर प्रशासन देने में सफल हो पाएंगे। गृह मंत्रालय की ओर जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।
पुलिस कांस्टेबल के बारे में बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि कांस्टेबल पुलिस बल की 85 प्रतिशत ताकत हैं। वह पुलिस विभाग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जमीन पर वे कानून के सबसे बड़े रक्षक होते हैं। अगर हम उनके कल्याण के कार्यो पर ध्यान देंगे तो बाकी का 15 प्रतिशत पुलिस विभाग बेहतर तरीके से देश और समाज की सेवा कर सकेगा।