दुनिया में पहली बार, कानपुर में शुरू होगा दो साल के बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल

कुर्ला से बचाव के लिए 2 से 6 साल के बच्चों पर दुनिया का पहला वैक्सीन ट्रायल कानपुर में शुरू होगा। भारत की स्वदेशी व्यक्ति को वैक्सीन ने बच्चों पर ट्रायल शुरू कर दिया है।

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सांकेतिक चित्र

भारत में वैक्सीनेशन अभियान बहुत तेजी के साथ पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार हम 23 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा पाए हैं। इसी बीच अब यह बताया जा रहा है कि संक्रमण से बचाव के लिए 2 से 6 साल के बच्चों पर दुनिया का पहला वैक्सीन ट्रायल कानपुर में होगा। अभी तक इस आयु वर्ग के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल नहीं हुआ है। भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन ने बच्चों पर ट्रायल शुरू किया है। बताया जा रहा है अभी 6 से 12 और 12 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है। उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने कोवाक्सिन का नेजल स्प्रे भी आ जाएगा।

आर्यनगर स्थित प्रखर अस्पताल में कोवाक्सिन का बच्चों में ट्रायल मंगलवार से शुरू हुआ है। बच्चों को दो साल से छह साल, छह साल से 12 साल और 12 साल से 18 साल के तीन ग्रुप में बांटा गया है। पहले दिन 12 से 18 साल के 40 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। 20 योग्य पाए गए। इन्हें वैक्सीन लगा दी गई। केवल दो बच्चों में ही कुछ अलग लक्षण पाए गए अर्थात उनका शरीर लाल हो गया था।

ट्रायल के चीफ इन्वेस्टीगेटर वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ और पूर्व डीजीएमई प्रोफेसर वीएन त्रिपाठी का कहना है कि दो साल के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का दुनिया में यह पहला ट्रायल है। इसके पहले इतने छोटे बच्चों पर कहीं नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि अब अगली बारी दो से छह साल के ग्रुप के बच्चों की है।

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