बुहान लैब से फैला था कोरोना संक्रमण, भारतीय वैज्ञानिकों ने खोली चीन की पोल

भारतीय वैज्ञानिक दंपत्ति ने दावा किया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से लीक हुआ था। वैज्ञानिक दंपत्ति डॉ. राहुल बाहुलिकर और डॉ. मोनाली राहलकर ने दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे अनजान लोगों के साथ मिलकर इंटरनेट से इस संबंध में सबूत जुटाए हैं।

0
553

कोरोनावायरस फैलने को लेकर चीन दुनिया के निशाने पर आ चुका है। इस संक्रमण के कारण कितने लोगों की मौत हो चुकी है और कितने बच्चे अनाथ हो चुके हैं? इसी बीच भारतीय वैज्ञानिक दंपत्ति डॉ राहुल बाहूलिकर और डॉक्टर मौलाली बाहुलिकर ने दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे अनजान लोगों के साथ मिलकर इंटरनेट से इस मामले में सबूत एकत्रित किए हैं। जिन लोगों ने इंटरनेट से सबूत एकत्रित किए हैं, वे पत्रकार, गुप्तचर या खुफिया एजेंसियों के लोग भी नहीं हैं। वे अनजान लोग हैं, जिनका मुख्य स्रोत ट्विटर और दूसरे खुले स्रोत भी है।

इन लोगों ने अपने समूह को ड्रैस्टिक (डीसेंट्रलाइज्ड रेडिकल ऑटोनॉमस सर्च टीम इनवेस्टिगेटिेंग कोविड-19) का नाम दिया है। इन लोगों का मानना है कि कोरोना चीन के मछली बाजार से नहीं बल्कि वुहान की लैब से निकला है। इनकी इस थ्योरी को पहले षड्यंत्र बताकर खारिज कर दिया गया था। कुछ समय पहले ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाईडेन अपनी खुफिया एजेंसियों को यह आदेश दिया है कि जल्द से जल्द इस बात का पता लगाया जाए कि यह संक्रमण कहां से फैला?

एक चीनी वायरोलॉजिस्ट ने कहा है कि अमेरिका के शीर्ष कोरोनावायरस सलाहकार एंथनी फाउची के ई-मेल साबित करते हैं कि कोरोना की उत्पत्ति वुहान के लैब से ही हुई थी। डॉक्टर ली-मेंग यान जो उन लोगों में से थीं, जिन्होंने सबसे पहले कोरोना के वुहान की लैब से लीक हुए होने की बात कही थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here