मन की बात में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, “आपदा में जो लोग मदद के लिए सामने आए उन्हें सैल्यूट करता हूँ!”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि "चुनौतियां कितनी भी बड़ी रही हो, भारत का विजय संकल्प भी उतना ही बढ़ रहा है।" पीएम ने उन लोगों को सैल्यूट किया जिनके परिवार का कोई व्यक्ति इस संक्रमण के दौर में दुनिया को अलविदा कह गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं उन लोगों को सैल्यूट करता हूं जो इस संकट के समय में मदद के लिए सामने आए।

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चित्र साभार: ट्विटर @BJP4India

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि “चुनौतियां कितनी भी बड़ी रही हो, भारत का विजय संकल्प भी उतना ही बढ़ रहा है।” पीएम ने उन लोगों को सैल्यूट किया जिनके परिवार का कोई व्यक्ति इस संक्रमण के दौर में दुनिया को अलविदा कह गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं उन लोगों को सैल्यूट करता हूं जो इस संकट के समय में मदद के लिए सामने आए।

दूसरे देशों की सोच के दबाव में नहीं भारत

प्रधानमंत्री ने कहा कि “मेरे प्यारे देशवासियों, आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो हम सबको गर्व होता है।

70 साल बाद ग्रामीण इलाकों में पहुंची बिजली

मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, उनके बेटे- बेटियां उजाले में, पंखे में बैठ करके पढ़ रहे हैं। कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गाँव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है। ऐसे ही कहीं कोई बैंक खाता खुलने की खुशी साझा करता है, तो कोई अलग-अलग योजनाओं की मदद से जब नया रोज़गार शुरू करता है तो उस खुशी में मुझे भी आमंत्रित करता है।

मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाना था सबसे बड़ी चुनौती का काम

प्रधानमंत्री ने कहा कि “इस सबके बीच कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका रही है। मुझसे ‘मन की बात’ के कई श्रोताओं ने नमो एप पर और पत्र के द्वारा इन वॉरियर्स के बारे में चर्चा करने का आग्रह किया है।” ऑक्सीजन टैंकर ज्यादा तेज चले, छोटी-सी भी भूल हो, तो उसमें बहुत बड़े विस्फोट का खतरा होता है। साथियो, जब दूसरी लहर आई, अचानक से ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई तो बहुत बड़ा चैलेंज था। मेडिकल ऑक्सीजन का देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है। हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे हमारे डॉक्टर, नर्स और फ्रंट लाइन वॉरियर्स- उन्होंने खुद की चिंता छोड़कर दिन रात काम किया और आज भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, “मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मज़बूती से खड़े हैं, जिन्होंने इस आपदा का नुक़सान झेला है। मेरे प्यारे देशवासियो, चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है। देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है। “

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